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Search Result : "पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज"

‘भारत ने पानी को हथियार बना लिया, दोस्त छीन लिए’

‘भारत ने पानी को हथियार बना लिया, दोस्त छीन लिए’

सिंधू जल संधि तोड़ने की धमकी और पूरी दुनिया में पाकिस्तान को अलग-थलग कर देने की भारत की चाल से वहां के राजनेता अपनी सरकार के खिलाफ बुरी तरह भड़के हुए हैं। इन नेताओं में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सबसे अधिक नाराजगी है और उन्हें लगता है कि नवाज भारत की कूटनीति के खिलाफ बुरी तरह विफल साबित हुए हैं।
ट्रेड यूनियन की हड़ताल आज, जन जीवन हो सकता है अस्त-व्यस्त

ट्रेड यूनियन की हड़ताल आज, जन जीवन हो सकता है अस्त-व्यस्त

देश की दस बड़ी ट्रेड यूनियन आज हड़ताल पर हैं। इससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। इस राष्‍टृव्यापी हड़ताल से निपटने के लिए सरकार ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि वह लोगों को असुविधा से बचाने के लिए कड़े कदम उठाए।
ट्रेड यूनियनें दो सितंबर की हड़ताल पर अड़ी, अनुरोध ठुकराया

ट्रेड यूनियनें दो सितंबर की हड़ताल पर अड़ी, अनुरोध ठुकराया

केंद्रीय ट्रेड यूनियनें दो सितंबर को देश भर में हड़ताल की अपनी घोषणा से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने सरकार की ओर से हड़ताल को स्थगित करने का अनुरोध ठुकरा दिया है। इसे देखते हुए श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने श्रम मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यापक विचार-विमर्श किया।
दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चीन और फिलीपीन के बीच पर्दे के पीछे हुई बातचीत

दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चीन और फिलीपीन के बीच पर्दे के पीछे हुई बातचीत

फिलीपीन के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल रामोस ने हांगकांग की अपनी यात्रा के दौरान चीनी अधिकारियों से मुलाकात के बाद दक्षिण चीन सागर मुद्दे के हल के लिए औपचारिक वार्ता का आह्वान किया है। यह आह्वान अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले में दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा खारिज किए जाने के बाद आया है।
नेपाल में फिर गहराया राजनीतिक संकट, प्रधानमंत्री ओली ने दिया इस्तीफा

नेपाल में फिर गहराया राजनीतिक संकट, प्रधानमंत्री ओली ने दिया इस्तीफा

अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही नेपाल के प्रधानमंत्री पद से के पी ओली के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट एक बार फिर गहरा गया है। ओली ने अविश्वास प्रस्ताव को देश को प्रयोगशाला में बदलने और नए संविधान को लागू करने में रोड़ा अटकाने की विदेशी ताकतों की साजिश करार दिया।
पूर्वांचल बनेगा सियासी मुद्दा

पूर्वांचल बनेगा सियासी मुद्दा

छोटे राज्यों के गठन को लेकर सियासी पार्टियों का अपना अलग-अलग नजरिया हो सकता है लेकिन देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के गठन को लेकर मांग तेज हो गई है। साल 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अलग पूर्वांचल राज्य के गठन की मांग तेज होने लगी थी और पूर्वांचल के विकास को सियासी मुद्दा बनाया गया था।
कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की निकासी को कानूनी चुनौती

यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की निकासी को कानूनी चुनौती

ब्रिटेन सरकार की यूरोपीय संघ से निकलने की प्रक्रिया की शुरुआत कानूनी चुनौतियों से घिर गई है। एक विधि कंपनी ने घोषणा की है कि संसदीय अधिनियम के बिना इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया जा सकता।
भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्‍या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्‍या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्‍गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
शिवसेना गरजी : विरोध होता हो तो हो, यूनिफार्म सिविल कोड की फाइल आगे बढ़ाएं

शिवसेना गरजी : विरोध होता हो तो हो, यूनिफार्म सिविल कोड की फाइल आगे बढ़ाएं

विकास सहित कई अन्‍य मसलों पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करने वाली शिवसेना ने यूनीफार्म सिविल कोड के प्रस्‍ताव पर मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए साफ संदेश दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को आगे बढ़ना चाहिए।
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