एक बार मैं देर रात लोकल ट्रेन से घर लौट रही थी। उस कंपार्टमेंट में कुछ और औरतें भी थीं जो ड्रेस में थीं। मुझे लगा वे किसी जेवर की दुकान में काम करने वाली लड़कियां होंगी। पर, इतनी देर तक जेवर की दुकानें खुली नहीं रहती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता, सिविल सोसाइटी और मानवाधिकारों पर कथित रूप से बढ़ते हमलों पर गंभीर चिंता जताई है। सीनेटरों की चिंता पर ओबामा प्रशासन ने कहा कि वह इन मुद्दों पर भारत के साथ बात कर रहा है।
सिविल सर्विस परीक्षा में 361 वीं रैंक के साथ सफलता हासिल करने वाले मुस्िलम युवक अंसार अहमद शेख ने एक बार अपना नाम बदल कर शुभम रख लिया था। पुणे के फर्ग्युसन कालेज में पढ़ने आए अंसार ने ऐसा इसलिए किया था ताकि उसे कालेज हास्टल में रहने और खाने की उचित सुविधा मिल सके।
आज सोशल मीडिया पर सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम छाए हुए हैं। यानी टॉप ट्रेंड कर रहे हैं। हर ओर से परीक्षा में अव्वल आने वालों को बधाइयां मिल रही हैं। फेसबुक और टि्वटर पर मुबारकों का तांता लगा हुआ है।
सिविल सेवा परीक्षा यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हो गया है। दिल्ली की छात्रा और लेडी श्रीराम कालेज से स्नातक टीना डाबी ने टॉप किया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के छात्र अतहर आमिर उल शफी खान दूसरे नंबर पर हैं। दिल्ली के ही जसमीत संधू को तीसरी रैंक मिली है।
देश-दुनिया को न्याय दिलाने वाले भारतीय न्यायाधीशों की कोई यूनियन नहीं होती। वे नारे नहीं लगा सकते। विरोध में प्रदर्शन नहीं कर सकते। स्वयं बनाई आचार संहिता के तहत अधिकांश न्यायाधीश भव्य पार्टियों से भी बचते रहते हैं। निजी समारोह में भी कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करते। विधि संस्थानों अथवा प्रतिष्ठित संस्थानों को छोड़कर सभाओं को संबोधित करने नहीं जाते। केवल सत्य निष्ठा और निष्पक्ष न्याय उनका मूल मंत्र और लक्ष्य होता है। कानूनी ग्रंथों के अलावा अदालत में प्रस्तुत प्रकरणों की मोटी फाइलें दिन-रात पढ़ते और फैसले लिखते हैं।
बैंक कर्मचारियों की एक प्रमुख यूनियन ने आज कहा कि उसने बैंकिंग क्षेत्र का निजीकरण करने के सरकार के प्रयासों के विरोध में 25 मई को हड़ताल का आह्वान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13वें यूरोपीय यूनियन-भारत सम्मेलन के मौके पर ब्रसेल्स में यूरोपीय यूनियन के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की ताकि व्यापार एवं निवेश, जलवायु, ऊर्जा, जल और प्रवासन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अगले पांच साल के दौरान रणनीतिक साझेदारी के लिए ठोस कदम तय किए जा सकें।
‘सरकार बीमार इंडस्ट्री के नाम पर इंडस्ट्रीज का करोड़ों का कर्ज माफ कर देती है, हमारा इतना कहना है कि एक दफा तो किसान का कर्जा माफ कर दो।‘ कर्ज के मारे देश के दिहाड़ीदार बन चुके किसानों का यह कहना है। अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आज देश भर से हजारों किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर इक्ट्ठा हुए। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के बैनर तले इन्होंने देश में जल्द से जल्द डॉ. एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने के लिए कहा।