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कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे लोकतंत्र?

कॉरपोरेट हवस से कैसे बचे लोकतंत्र?

कॉरपोरेट लॉबींग और सरकारी नीतियों को अपने पक्ष में मोड़ने का एक और बड़ा मामला सामने आया है। साल 2010 में कॉरपोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया के टेप के बाहर आने पर कॉरपोरेट, मीडिया, नौकरशाही और राजनीति के गठजोड़ से बड़े पैमाने पर पर पर्दा हटते दिखा था। उसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज़ों को हासिल करने में बड़े कॉरपोरेट समूहों ने किस तरह के हथकंडे अपनाये यह अब सामने आ चुका है।
कौन हैं आसाराम और शांतनु सैकिया

कौन हैं आसाराम और शांतनु सैकिया

पेट्रोलियम मंत्रालय से दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी आसाराम के बारे में बताया जाता है कि वह पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का ही चपरासी है जबकि शांतनु सैकिया पत्रकार हैं
मंत्रालय जासूसी मामलाः दो और गिरफ्तारियां

मंत्रालय जासूसी मामलाः दो और गिरफ्तारियां

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से गोपनीय सरकारी दस्तावेज लीक करने के मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया।
किसने और क्यों किया दस्तावेज चोरी

किसने और क्यों किया दस्तावेज चोरी

पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को कथित रूप से गोपनीय सरकारी दस्तावेज को कुछ निजी सलाहकारों और उर्जा कंपनियों को लीक करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि किसने और क्यों यह दस्तावेज चोरी किया है।
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