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Search Result : "पेरिस मुख्‍यालय"

भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे मांझी

भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे मांझी

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी ने भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन भाजपा उन्‍हें कितनी सीटें देगी, यह अभी तय नहीं है। राजद और जदयू के बीच गठबंधन के बाद एनडीए ने भी अपना कुनबा बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। बिहार चुनाव को लेकर आज भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने मांझी के अलावा, उपेंद्र कुशवाह, धर्मेंद्र प्रधान अौर भूपेंद्र यादव से मुलाकात की।
कभी साम्‍प्रदायिक भाषा नहीं बोलूंगा: नरेंद्र मोदी

कभी साम्‍प्रदायिक भाषा नहीं बोलूंगा: नरेंद्र मोदी

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर शब-ए-बारात की शुभकामनाएं दी। बातचीत में मोदी ने कहा कि रोजगार और विकास सभी समस्याओं का समाधान है और देश के विकास पर ही अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
भारतीय राजदूत ने अमेरिका में संभाला प्रभार

भारतीय राजदूत ने अमेरिका में संभाला प्रभार

अमेरिका में भारत के नए राजदूत अरूण कुमार सिंह ने अपने दस्तावेजों की प्रतियां विदेश मंत्रालय के चीफ ऑफ प्रोटोकॉल के कार्यालय में पेश करने के बाद औपचारिक तौर पर अपना पदभार संभाल लिया।
विश्व बैंक ने नेपाल की ओर मदद का हाथ बढ़ाया

विश्व बैंक ने नेपाल की ओर मदद का हाथ बढ़ाया

भूकंप से प्रभावित नेपाल की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हुए विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा है कि बैंक नुकसान का आकलन करने एवं पुनर्निर्माण के कार्य में नेपाल की मदद करेगा।
मोदी : जलवायु परिवर्तन, सम्मेलन का एजेंडा तय करेगा भारत

मोदी : जलवायु परिवर्तन, सम्मेलन का एजेंडा तय करेगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सबसे कम प्रति व्यक्ति गैस उत्सर्जन के बावजूद ग्लोबल वार्मिंग को लेकर भारत से सवाल करने पर विकसित देशों को आड़े हाथ लिया और कहा कि भारत सितंबर में फ्रांस में होने वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए एजेंडा तय करेगा।
मोदी की दीवानी मल्लिका

मोदी की दीवानी मल्लिका

मल्लिका शेरावत को यूनेस्को की ओर से भाषण सुनने का न्यौता आया है। न्यौता ऐसा वैसा नहीं है। भारत के प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी पेरिस में संबोधित करने जा रहे है और उनकी दीवानी मल्लिका सुनने।
कहाँ गए हमारे कार्टून?

कहाँ गए हमारे कार्टून?

कार्टून पर हमले भलेही यूरोपीय देशों में हो रहे हों, लेकिन अपने देश में वह पहले ही मरणासन्न हालत में है. साढ़े तीन दशक पहले जब हमने पत्रकारिता में कदम रखा था तब लगभग हर अखबार में कार्टून छपा करते थे, उन पर चर्चा हुआ करती थी, नामी कार्टूनिस्ट हुआ करते थे. हिन्दी अखबार, जिनकी अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती थी, वहाँ भी दो-दो कार्टूनिस्ट होते थे.
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