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Search Result : "पैरामिलिट्री के जवानों की गश्त"

भारत ने 55 साल बाद डोका ला में बढ़ाई जवानों की संख्या, पत्रकारों का दौरा  भी रद्द

भारत ने 55 साल बाद डोका ला में बढ़ाई जवानों की संख्या, पत्रकारों का दौरा भी रद्द

भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। इस बीच भारत ने सिक्किम के पास डोका ला इलाके में और ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जवानों ने भी दिखाया अपना जज्बा

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जवानों ने भी दिखाया अपना जज्बा

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सेना के जवानों ने भी योगाभ्यास किया। इस मौके पर सेना ने भी इस दिन को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
आर्मी चीफ ने कहा- जवानों की रैंक में अब महिलाएं भी होंगी शामिल

आर्मी चीफ ने कहा- जवानों की रैंक में अब महिलाएं भी होंगी शामिल

जम्मू-कश्मीर जैसे तनावग्रस्त इलाकों में महिला प्रदर्शनकारियों से लड़ने के लिए भारतीय सेना जल्द ही महिला सैनिकों की तैनाती करेगा। इस खबर की पुष्टि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज देहरादून में पासिंग ऑउट परेड में की। उन्होंने कहा कि सैन्य पुलिस में अब महिलाओं की भी भर्ती शुरू की जाएगी।
सुकमा हमला: शहीद की बिलखती पत्‍नी बोली, कठपुतली जवानों को अधिकार दिए जाएं

सुकमा हमला: शहीद की बिलखती पत्‍नी बोली, कठपुतली जवानों को अधिकार दिए जाएं

भाजपा शासित छत्‍तीसगढ़ में सुकमा में हुए नक्‍सली हमले में 25 जवान शहीद हो गए। इन्‍हीं शहीदों में से एक की पत्‍नी ने कहा है कि सुरक्षा जवानों को एक तरह से कठपुतली बना कर रख दिया गया हैं।
सुकमा नक्सली हमला: धारदार हथियारों से नक्सलियों ने काटे जवानों के गुप्तांग

सुकमा नक्सली हमला: धारदार हथियारों से नक्सलियों ने काटे जवानों के गुप्तांग

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले में शहीदों के शवों के साथ दिल दहला देने वाली बर्ताव की बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए करीब 6 जवानों के गुप्तांगों को नक्सलियों द्वारा काट दिया गया।
नक्‍सली क्यों बने सड़कों के दुश्मन, क्यों हो रहे हैं जवानों पर हमले?

नक्‍सली क्यों बने सड़कों के दुश्मन, क्यों हो रहे हैं जवानों पर हमले?

नक्‍सलियों ने छत्‍तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया। जिसमें 25 जवान शहीद हो गए। सीआरपीएफ के 74 वीं बटालियन के करीब 90 जवान सोमवार सुबह बुरकापाल में निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा के लिए गए थे। बुरकापाल में सड़क का काम लंबे अरसे से बंद था, लेकिन सीआरपीएफ की सिक्युरिटी में इसका काम फिर शुरू हुआ। सड़क बनाने का काम प्राइवेट ठेकेदार कर रहे है। ठेकेदार नक्सली हिंसा के भय के चलते जवानों की सुरक्षा में ही काम करते हैं।
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