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Search Result : "प्रितेश मेहता"

कन्हैया मामले की स्थिति रिपोर्ट कल पेश करे पुलिसः हाईकोर्ट

कन्हैया मामले की स्थिति रिपोर्ट कल पेश करे पुलिसः हाईकोर्ट

देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद कन्हैया की जमानत पर सुनवाई कर रहे दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को कल तक मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट अदालत में दायर करने को कहा है। अदालत में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया की जमानत का विरोध किया।
चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

‘कसमें, वादे, प्यार, वफा-सब बातें हैं बातों का क्या?’ यह फिल्मी गाना पुराना हो गया। लेकिन इन दिनों जिस इलाके में जाएं, लोग सरकारों के वायदों और दावों के साथ इसी तरह के सवाल उठा रहे हैं। संसद के बजट-सत्र के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत सरकार की ‘सफलताओं का लेखा-जोखा’ आधारित भाषण पढ़ दिया।
चर्चाः षडयंत्रों का सिरदर्द | आलोक मेहता

चर्चाः षडयंत्रों का सिरदर्द | आलोक मेहता

सिंहासन के लिए महाभारत और रामायण युग के षडयंत्रों की कहानियां भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ सुनाई-पढ़ाई जाती रही हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी को षडयंत्रों की सूचनाओं पर क्या अधिक चिंतित होकर जनता के दरबार में गुहार लगानी चाहिए?
चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।
चर्चाः झंडे की शान में जुड़ी आन | आलोक मेहता

चर्चाः झंडे की शान में जुड़ी आन | आलोक मेहता

तिरंगे की शान रखने के लिए हर भारतीय नागरिक सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार रहता है। हिमालय की सर्वोच्च चोटी से समुद्र के सुदूर क्षेत्र और अंतरिक्ष तक भारतीयों ने गौरव के साथ तिरंगा फहरा कर सैल्यूट किया है। इसलिए मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालयों की इमारतों पर तिरंगा ध्वज लहराने की अनिवार्यता के निर्देश का स्वागत ही होना चाहिए।
चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

राजनेता हों या अधिकारी, कारपोरेट किंग पूंजीपति या मजदूर – अदालत और अस्पताल पहंुचते ही कांपने लगते हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा – कानून का शिकंजा खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह हाथ या पैर की ऊंगली का नाखून ही निकला हो अथवा हृदय रोग – सर्जन के चमकते चाकू से निकलने वाला नतीजा जिंदगी दे या ले सकता है।
चर्चाः सरकार को प्रतीक्षा हत्या की | आलोक मेहता

चर्चाः सरकार को प्रतीक्षा हत्या की | आलोक मेहता

‘अदालत परिसर में मारपीट के दौरान क्या किसी की हत्या हुई है ?’ यह उत्सुकता या व्यंग्य भरा सवाल नहीं है। दिल्ली की एक अदालत में पत्रकारों के साथ वकीलों के भेष में घुसे तत्वों द्वारा मारपीट और बाहर एक भाजपा विधायक द्वारा हाथ में बंदूक होने पर गोली मार देने के अहंकारी दावे के बाद देश के गृह राज्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी है।
चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्‍ा बैठक की सही पहल की है।
चर्चाः रामराज्य में रावण की जगह | आलोक मेहता

चर्चाः रामराज्य में रावण की जगह | आलोक मेहता

न्यायालय से दोषी साबित न होने तक क्या छात्रों की एक भीड़ को आतंकवादी-राष्ट्रद्रोही घोषित किया जा सकता है? ये युवा अभी क्या पूरी तरह परिपक्व हैं?
चर्चाः भारत रत्न की तो सुन लें | आलोक मेहता

चर्चाः भारत रत्न की तो सुन लें | आलोक मेहता

आमिर खान फिल्मी हस्ती हैं, अशोक वाजपेयी साहित्यकार हैं, सीताराम येचुरी या नीतीश कुमार अथवा राहुल गांधी प्रतिपक्षी नेता हैं, कई संपादक, प्रकाशक प्रतिकूल विचारों वाले हैं लेकिन अमर्त्य सेन तो भारत रत्न हैं। ‘आधुनिक भारत के नोबेल सम्मान प्राप्त अर्थशास्‍त्री और विचारक हैं। किसी राजनीतिक दल से कभी कोई रिश्ता नहीं रहा। अमेरिका और यूरोप में रहने के अलावा ‘कम्युनिस्ट ’ चोगा भी नहीं पहने हैं।
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