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Search Result : "प्रो.सुबोध मेहता"

चर्चाः लिबास नहीं काम देखो | आलोक मेहता

चर्चाः लिबास नहीं काम देखो | आलोक मेहता

सोशल मीडिया से जागरुकता बढ़नी चाहिए अथवा संकीर्ण विचारों को फैलाया जाए? यह सवाल विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की ईरान यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात के दौरान पहनी लिबास पर सोशल मीडिया में चली निरर्थक बहस से उठता है।
चर्चाः सांसदों के भत्तों में सेंध | आलोक मेहता

चर्चाः सांसदों के भत्तों में सेंध | आलोक मेहता

यात्रा भत्ते में घोटाले के आरोप में फंसे सांसद अनिल साहनी ने अपने बचाव में नया पर्दाफाश किया है कि ‘मैंने एलटीसी गिरोह के सदस्यों द्वारा मेरे नाम से फर्जी बिल जमा करने के बारे में 2013 में ही अधिकारियों से शिकायत की थी।’
चर्चाः काम नहीं, नाम पर राजनीति | आलोक मेहता

चर्चाः काम नहीं, नाम पर राजनीति | आलोक मेहता

केंद्र और दिल्ली सरकार की नाक के नीचे हजारों दलित परिवारों के लिए पीने लायक साफ पानी, बच्चों के लिए शिक्षा, सिर छिपाने लायक छोटे फ्लैट, गंदी नालियां और शौचालय साफ करने के लिए सामान और ‌उचित मजदूरी नहीं है।
चर्चाः रक्षा नीति में क्रांतिकारी बदलाव | आलोक मेहता

चर्चाः रक्षा नीति में क्रांतिकारी बदलाव | आलोक मेहता

आजादी के बाद भारत की रक्षा-नीति में क्रांतिकारी बदलाव हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सैद्धांतिक रूप से अमेरिका को भारतीय सैनिक अड्डों का इस्तेमाल करने की स्वीकृति दे दी है। दोनों देशों के विमान और नौ सैनिक पोत भी एक-दूसरे के सैन्य अड्डों पर तैनात किए जा सकेंगे।
चर्चाः धर्म के नाम पर गुमराह न करें | आलोक मेहता

चर्चाः धर्म के नाम पर गुमराह न करें | आलोक मेहता

स्वामी दयानंद और राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी समेत कई संत, महात्मा, समाज सुधारकों ने महिलाओं को अंधविश्वास तथा सामाजिक कुरीतियों से बचाने के लिए जीवन पर्यंत काम किया और क्रांतिकारी बदलाव हुए। इसी भारतीय समाज में किसी मंदिर में महिलाओं के पूजा करने से बलात्कार जैसे अपराध होने या साईं बाबा की पूजा से सूखा पड़ने जैसी बातें शंकराचार्य के रूप में मान्यता प्राप्त स्वामी स्वरूपानंद के मुंह से सामने आना बेहद आश्चर्यजनक और शर्मनाक है।
चर्चाः जिंदा जला, तमाशा किया | आलोक मेहता

चर्चाः जिंदा जला, तमाशा किया | आलोक मेहता

दुनिया के किसी धार्मिक ग्रंथ में उपासना केंद्र में आतिशबाजी, मादक पदार्थों के सेवन और चोरी-हत्या की शिक्षा नहीं दी गई है। हर धर्म के उपासना केंद्र सर्वशक्तिमान के प्रति सम्मान, ध्यान, मानसिक शांति, संपूर्ण मानव समाज और बहुत हद तक प्राणी मात्र के लिए दया, करुणा, ममता, सहायता की प्रार्थना के केंद्र माने जाते हैं।
चर्चाः पाप-पुण्य करें पूरे मन से। आलोक मेहता

चर्चाः पाप-पुण्य करें पूरे मन से। आलोक मेहता

भारतीय नेता हों या अभिनेता, व्यापारी हों या खिलाड़ी, समय के साथ नए-नए रूप दिखाते हैं। रंगमंच पर ही नहीं, जीवन में भी मुखौटा लगाकर पाप-पुण्य करना चाहते हैं। तभी तो पनामा में काले धन के खातों का पर्दाफाश होने के बावजूद किसी ने यह नहीं माना कि उससे कोई गलती हुई है। पर्दे के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने जानकर अनजान बनते हुए इतना माना कि किसी ने उनके नाम का दुरुपयोग किया होगा। दूसरी तरफ पनामा पेपर्स आने के बाद आइसलैंड के प्रधानमंत्री ने नैतिक अपराध स्वीकार कर पद से इस्तीफा दे दिया।
चर्चाः उनको पानी नहीं पैसा चाहिए | आलोक मेहता

चर्चाः उनको पानी नहीं पैसा चाहिए | आलोक मेहता

पश्चिमी देशों की तरह भारत में क्रिकेट के धंधे में शामिल दादा लोग बोतलबंद पानी, जूस या विदेशी ब्रांड शराब पसंद करते हैं। क्रिकेट खेल की सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई में कुछ उस्ताद ऐसे भी होंगे, जिन्होंने कभी गांव के कुएं, तालाब या नाले के किनारे किसी तरह पानी को निकालते या ले जाते लोगों के दर्शन ही नहीं किए। उन्हें पानी की कीमत का अंदाज नहीं है।
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