उड़ता पंजाब : अदालत ने कहा, सेंसर बोर्ड को बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए
बम्बई उच्च न्यायालय ने एक तीखी टिप्पणी में शुक्रवार को कहा कि सेंसर बोर्ड को बहुत अधिक बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए ताकि फिल्म उद्योग में रचनात्मक लोग बढ़ सकें। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि उड़ता पंजाब के निर्माताओं को अपशब्दों वाले एवं अश्लील दृश्यों को नरम करना चाहिए क्योंकि केवल इन्हीं से फिल्म नहीं चलती। न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति शालिनी फनसालकर जोशी की एक खंड़पीठ ने कहा कि वह मामले पर 13 जून को आदेश पारित करेगी।