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किताबों के साथ गुजरे बचपन से जवानी में बढ़ती है आमदनी: स्टडी

किताबों के साथ गुजरे बचपन से जवानी में बढ़ती है आमदनी: स्टडी

किताबों के संग गुजारे गए बचपन के पल न सिर्फ मजेदार होते हैं, बल्कि बड़े होने पर आमदनी बढ़ाने की वजह भी बनते हैं। जी हां, एक नए अध्ययन में वयस्कों की आमदनी और किताबों के बीच गुजरे बचपन के साथ उसका गहरा रिश्ता पाया गया।
सूखे से बढ़ी बाल मजदूरी की समस्या- कैलाश सत्यार्थी

सूखे से बढ़ी बाल मजदूरी की समस्या- कैलाश सत्यार्थी

सूखे का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ने लगा है। बालश्रम के लिए कार्यरत संस्‍था बचपन बचाओ आंदोलन के संस्‍थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने सूखे से प्रभावित बच्चों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।
क्रिकेट का शकुनि

क्रिकेट का शकुनि

वह आज तक न समझ पाया था कि उसके माता-पिता ने उसका नाम शकुनि क्यों रखा था। माता-पिता का तो वह हमेशा लाड़ला रहा था। बचपन से पांसे फेंक कर जीतने का वह शौकीन था। पर केवल इसी कारण तो उसका नाम शकुनि नहीं रखा गया होगा। चलो, मैं क्यों फिक्र करूं, वह मन ही मन बुदबुदाया। वैसे भी नाम में क्या रखा है? फिर पांसे फेंकर कर जीतना भी कला है। इस में एकाग्रता, कल्पना शक्ति, आत्मविश्वास और अपनी काबिलियत में भरोसे की भी अत्यंत आवश्यकता होती है, तभी तो आप जीत सकते हैं।
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