पाकिस्तानी सैनिकों ने आज जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मोर्टार दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जिसमें बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया। सीमा पर तैनात बीएसएफ के सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई भी की।
बीएसएफ ने जवान तेजबहादुर यादव को बुधवार को बर्खास्त कर दिया है। जांच में पाया गया कि यादव के कारण बीएसएफ की छवि को नुकसान पहुंचा है। जम्मू के पुंछ में नियंत्रण रेखा पर तैनात तेज बहादुर ने सोशल मीडिया में वीडियो डालकर खराब खाना खासकर पतली दाल दिए जाने की शिकायत की थी। यादव के इस कदम पर बीएसएफ ने चेतावनी देते हुए कार्रवाई भी की थी।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने और बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा को मजबूती प्रदान करने के लिए नयी रूपरेखा तैयार है।
सैनिकों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए आवाज उठाने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान तेज बहादुर यादव से उनकी पत्नी ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद जवान की पत्नी ने दिल्ली उच्च न्यायालय से आज कहा कि वह उनके कुशलक्षेम को लेकर संतुष्ट हैं।
खाने की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो डालने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि उनके आरोपों पर एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी लंबित है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक आधार पर आरोप भी लगे हैं।
खाने की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो डालने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि उनके आरोपों पर एक कोर्ट आॅफ इन्क्वायरी लंबित है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक आधार पर आरोप भी लगे हैं। बीएसएफ के इस कदम को यादव का परिवार सही नहीं मान रहा जिनका आरोप है कि उन्हें धमकाया जा रहा है और मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। यादव की वीआरएस अजर्ी को खारिज करते हुए बीएसएफ ने कहा कि कोर्ट आॅफ इन्क्वायरी (सीओआई) और इसकी सिफारिशों को अंतिम रूप दिये जाने के लंबित रहने के चलते अर्जी को निरस्त कर दिया गया है।
भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे कच्छ में एक पाकिस्तानी नौका जब्त किए जाने के एक दिन बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आज फिर पड़ोसी देश के दो और नौकाओं को जब्त किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज केंद्र को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के लिए एक सप्ताह के भीतर महानिदेशक नियुक्त करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने केंद्र से इस मानवाधिकार संस्था के सदस्यों को भी चार सप्ताह के भीतर नियुक्त करने के लिए कहा।