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मध्य प्रदेश में आज से शुरू होगा जल गंगा संवर्धन अभियान, बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी बहेड़ा से करेंगे अभियान का शुभारंभ

मध्य प्रदेश में आज से शुरू होगा जल गंगा संवर्धन अभियान, बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी बहेड़ा से करेंगे अभियान का शुभारंभ

मध्य प्रदेश में 5 जून से जल गंगा संवर्धन अभियान शुरूआत होगी। यह अभियान 16 जून तक चलेगा मुख्यमंत्री डॉ....
केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

राजग सरकार की महत्वाकांक्षी 9,393 करोड़ रूपये की केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के 2017 की पहली तीमाही से शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है और इस परियोजना को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। इससे 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और बुंदेलखड में पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है।
केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी

केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 9,393 करोड़ रुपये की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है जिससे 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और बुंदेलखड में पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

लोकतंत्र की यही ताकत है। केवल विरोधी अथवा गैर सरकारी संगठन नहीं केंद्र सरकार की वरिष्ठ मंत्री सुश्री उमा भारती ने बुंदेलखंड की प्यासी जमीन और लाखों लोगों को राहत देने के लिए केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में अनशन सहित आंदोलन की घोषणा कर दी है। उमाजी स्वयं जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। नदी जोड़ परियोजना उनके मंत्रालय के तहत है। वह स्वयं बुंदेलखंड की चुनी हुई जन प्रतिनिधि हैं।
केन-बेतवा परियोजना को मंजूरी में देरी, उमा भारती ने दी अनशन की चेतावनी

केन-बेतवा परियोजना को मंजूरी में देरी, उमा भारती ने दी अनशन की चेतावनी

नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना को वन्यजीव मंजूरी मिलने में विलंब से क्षुब्ध जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को चेताया कि अगर लाखों लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करने वाली इस परियोजना को पर्यावरणविदों, एनजीओ की हिस्सेदारी वाली स्वतंत्र वन्यजीव समिति की मंजूरी में आगे कोई अड़चन आई तो वह अनशन पर बैठ जायेंगी।
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