साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने अपने महत्वपूर्ण ‘भाषा सम्मान’ के लिए वेद-वेदांगों, महाभारत आदि पुरा महाकाव्यों के विद्वान प्रो. मधुकर अनंत मेहेंदले और डॉ. अमृत सोमेश्वर का चयन किया है। वर्ष 1996 में शुरू हुआ यह सम्मान तीन दशक पूरा कर चुका है।
छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की लड़ाई अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना और छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के सयुंक्त तत्वावधान में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग सत्याग्रह के लिए एकजुट हुए।
अक्सर मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान सुनने के बाद ही नमाज पढ़ी जाती है। हाल ही में केरल की एक ऐसी अनोखी मस्जिद के बारे में पता चला है, जो मूक और बधिर लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इस मस्जिद में हर जुमे की नमाज वे लोग भी पढ़ सकेंगे जो न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं।
चाइना पाक-इकॉनमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट की पहुंच अब पाकिस्तान के आर्थिक विभागों के साथ शैक्षणिक संस्थानों में भी देखी जा रहा है। इसका अंदाजा पाकिस्तानी छात्रों की चीनी भाषा सीखने की इच्छा और मांग को लेकर लगाया जा सकता है। पाकिस्तानी छात्रों ने दोनों देशों में नौकरी के अवसरों को लेकर चीनी भाषा सीखने की इच्छा जताई है।
गूगल ने अनुवाद से संबंधित नए उत्पाद और फीचर्स की घोषणा की है। इसके तहत गूगल ने गुजराती, पंजाबी, मलयालम और कन्नड़ सहित नौ और भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट तकनीक उपलब्ध कराया है। गूगल ने उम्मीद जताई है कि इससे और अधिक लोग अपनी पसंद की भाषा में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे।
भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की ओर से कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद से देशभर में विरोध हो रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना ने इस मामले पर पाकिस्तादन की घोर निंदा करते हुए रिहाई की मांग की है। वहीं, सोशल मीडिया में भी लोग कुलभूषण के समर्थन में और पाकिस्ताान के विरोध में आवाज उठाई जा रही है।
विश्व जल दिवस से एक दिन पूर्व जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छह करोड़ 30 लाख लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में यह संख्या सबसे ज्यादा है।
साहित्य अकादेमी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में प्रस्तुत ‘प्राचीन भारतीय साहित्य में प्रेम और प्रार्थना’ विषयक व्याख्यान में कवि-भाषाविद् एवं अकादेमी के महत्तर सदस्य सीताकांत महापात्र ने पूर्वोत्तर भारत के छः आदिवासी भाषा समूह - संथाल, उराव, मुंडा, कोंड आदि के आधार पर कहा कि प्रतीकों से सजी सबसे बेहतर भाषा इनके गीतों में देखी जा सकती है। कहा कि भोजपुरी के बाद सबसे प्रचलित भाषा मैथिली का मूल मुंडा भाषा में निहित है।