बांग्लादेश में कम से कम 15 मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। असामाजिक तत्वों ने फेसबुक पर इस्लाम के प्रति असम्मान प्रदर्शित करने के आरोप लगाते हुए इस दुस्साहस को अंजाम दिया। घटना के बाद से इस मुस्लिम बहुल देश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय में दहशत का आलम है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के आगामी चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि यदि अमेरिका ने शरणार्थियों को सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से लौटा दिया होता तो इससे आतंकवादियों के इस दुष्प्रचार और घिनौने झूठ को बढ़ावा मिलता कि अमेरिका इस्लाम का विरोधी है।
केंद्र सरकार कश्मीर की स्थिति के जायजे के लिए मुस्लिम बहुल जिस प्रतिनिधिमंडल को वहां भेजने की योजना बना रही थी, उनमें से वरिष्ठ पत्रकार एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुशावारात के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने उसका हिस्सा न बनने का फैसला किया है। उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से लगभग ढाई घंटे बैठक करने के बाद यह फैसला लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दो प्रमुख दावेदार रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन के बीच और किसी मुद्दे पर सहमति हो या नहीं मगर एक बात पर दोनों में दुर्लभ सहमति देखने को मिली है।
दरगाह आला हजरत से पाकिस्तान के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद और उसे मसीहा मानने वालों को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है। उसके संबोधन सुनने को भी हराम करार दिया गया है। मुसलमानों से कहा गया है कि वे हाफिज से बचकर रहें।
स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने को लेकर बरेली स्थित दरगाह आला हजरत ने अपने एक अहम फतवे में कहा है कि जश्न-ए-आजादी पर झंडा फहराने या जश्न मनाने में किसी तरह का कोई हर्ज नहीं है। फतवे में मुसलमानों से कहा गया है कि आजादी के जश्न में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें।
पोप फ्रांसिस ने इस्लाम को हिंसा के बराबर रखने से इनकार करते हुए कहा कि कैथोलिक लोग भी इतने अधिक घातक हो सकते हैं। इसके साथ ही पोप ने यह चेतावनी दी कि यूरोप अपने युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेल रहा है।
आत्मघाती आतंकवादी हमलों को ‘युद्ध’ के नाम पर जायज ठहराने वाले विवादास्पद प्रचारक जाकिर नाइक ने बाकायदा वीडियो कांफ्रेंस में ऐलान कर दिया कि वह इस साल तो भारत नहीं लौटने वाला है। जाकिर नाइक पर इस्लाम धर्म के धुंआधार प्रचार के नाम पर बड़ी संख्या में लोगों को उत्तेजित करने एवं उन्हें आतंकवादी बनाने के गंभीर आरोप बांग्लादेश तक ने लगाए हैं।
‘ इस्लाम की खासियत है कि वह कट्टर नहीं हो सकता है। जमीअत-उलमा-ए-हिंद उसी इस्लाम का प्रतिनिधत्व करती है। जो कट्टर है वह इस्लाम नहीं है।‘ दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह के दौरान यह बात जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना महमूद मदनी ने कही। उन्होंने कहा कि पावन रमजान के बाद इनाम का दिन आता है और वह दिन ईद का होता है।