नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-
दिल्ली के चर्चित मनोज वशिष्ठ एनकाउंटर मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। इस मामले में मनोज वशिष्ठ के परिवार वालों की मांग पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया है।
दक्षिण-पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में शनिवार को आए भूकंप और इसके बाद आने वाले झटकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है जबकि बचावकर्मियों द्वारा दूर दराज के क्षेत्र में मौजूद प्रभावित लोगों तक पहुंचने का सिलसिला जारी है।
नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण दक्षिण पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 20 हो गई है जबकि प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव का सिलसिला जारी है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 2017 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी कार्यकर्ताओं को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मौजूदा विश्व कप की सफलता से उत्साहित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के सीईओ डेविड रिचर्डसन ने आज कहा कि यह खेल के इतिहास की सबसे अधिक देखी गई क्रिकेट प्रतियोगिता है और भारत तथा आस्ट्रेलिया के बीच हुए सेमीफाइनल मुकाबले में अब तक सर्वाधिक दर्शक मिले।
हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।