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Search Result : "महिलाओं की आयु ज्यादा"

बोकोहराम ने 2,000 महिलाओं का अपहरण किया

बोकोहराम ने 2,000 महिलाओं का अपहरण किया

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगवार को कहा कि बोको हराम ने पिछले साल के शुरू से कम से कम 2,000 से अधिक महिलाओं और लड़कियों का अपहरण किया है। इनमें नाइजीरिया की 219 स्कूली छात्राएं भी हैं जिनका स्कूल से अपहरण किया गया था।
ज्यादा मजबूत चुनाव आयोग के पक्ष में है विधि आयोग

ज्यादा मजबूत चुनाव आयोग के पक्ष में है विधि आयोग

विधि आयोग ने ज्यादा मजबूत चुनाव आयोग की वकालत की है जिसमें उसके सभी सदस्यों को समान संवैधानिक सुरक्षा हासिल हो और मुख्य चुनाव आयुक्त एवं दो चुनाव आयुक्तों का चयन उच्च शक्ति प्राप्त चयन मंडल करे।
ऐक्टिविस्ट महिलाओं ने किया अर्णब गोस्वामी का बहिष्कार

ऐक्टिविस्ट महिलाओं ने किया अर्णब गोस्वामी का बहिष्कार

देश की कई जानी-मानी महिला ऐक्टिविस्ट ने टाइम्स नाव टीवी चैनल और अर्णब गोस्वामी के शो के बहिष्कार का ऐलान किया है। इन ऐक्टिविस्ट ने अर्णव को एक ख़त लिखकर अपनी नाराज़गी जताई है। ख़त में कहा गया है कि गोस्वामी अपने टीवी कार्यक्रम न्यूज़ आवर में पत्रकारीय उसूलों का पालन नहीं करते हैं। इसलिए आगे से यह महिला ऐक्टिविस्ट उनके शो में हिस्सेदारी नहीं करेंगी।
दिल्ली पुस्तक मेला: पाठक कम लेखक ज्यादा

दिल्ली पुस्तक मेला: पाठक कम लेखक ज्यादा

विश्व पुस्तक मेले में इस बार हिंदी लेखकों की आमद ने पाठकों को भी पछाड़ दिया है। देश के कोने-कोने से पधारे लेखकों को देख कर लगता है कि हिंदी साहित्य की परंपरा बहुत समृद्ध हो रही है। किताबों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि एक-एक लेखक साल भर में कम से कम पांच किताबें लिखने का माद्दा रखता है।
3 महीने से ज्यादा निलंबन अवैध

3 महीने से ज्यादा निलंबन अवैध

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को उसके खिलाफ आरोप पत्र के अभाव में 90 दिन से अधिक निलंबित नहीं रखा जा सकता क्योंकि ऐसे व्यक्ति को समाज के आक्षेपों और विभाग के उपहास का सामना करना पडता है।
जनगणना पर राजनीति

जनगणना पर राजनीति

जितने मुंह उतने बच्चेः जनसंख्या के संप्रदाय आधारित आंकड़ों को लेकर माहौल गरमाने की कोशिश, परिवार नियोजन के नीतिगत लष्यों को दी जा रही चुनौती
शिशिर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी

शिशिर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी

बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या के अलावा आउटलुक के अस्तित्व के इन 12 वर्षों में भारतीय समाज की दूसरी हिंसा कृषि संकट और बढ़ते शहरीकरण के प्रसंग में दिखती है। सन 2001 के पूर्ववर्ती दशक में शहरी आबादी 6.18 करोड़ बढ़ी थी जो 2001 से 2011 के बीच 9.1 करोड़ बढ़ी। ग्रामीण आबाद 2001 के पूर्ववर्ती दशक में 11.3 करोड़ बढ़ी थी लेकिन 2001 से 2011 के बीच यह सिर्फ 9.06 करोड़ बढ़ी। यानी शहरी आबादी वृद्धि दर के मुकाबले ग्रामीण आबादी वृद्धि दर कम हुई। यानी आजीविका के अभाव में या विभिन्न परियोजनाओं के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण आबादी उजडक़र शहरों में आई। यह तर्क दिया जा सकता है कि विकास के कारण ग्रामीण आबादी की गतिशीलता बढ़ी और वह शहरों में बेहतर अवसर तलाशने आई इसलिए इसे आपदा-पलायन नहीं कह सकते। लेकिन इस दौरान शहरों में भी संगठित रोजगार घटा यानी गांवों से शहरों में होने वाला आव्रजन आपदा-पलायन ही था। यही कृषि संकट का भी दौर रहा जब देश में बड़े पैमाने पर किसानों ने आत्महत्या की।
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