पुलिस ने स्वीडन के गोथनबर्ग शहर में एक रेस्तरां में हुई गोलीबारी के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि कई लोग इस गोलीबारी का शिकार बने हैं और कम से कम दो लोगों की मौत हुई है।
कॉरपारेट जासूसी का मामला रहस्यमयी होता जा रहा है। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच अलग-अलग चल रही है और दोनों ही मामलों में कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। संसद में मचे हंगामे के बाद सरकार का बयान भी आया कि अभी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। इससे जाहिर है कि सरकार और जांच एजेसियों में तालमेल सही नहीं हो पाने के कारण किसी नतीजे पर पहुंच पाना मुश्किल दिख रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय में कथित जासूसी के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई पेश की है। पुलिस ने कहा कि राहुल गांधी के में पुलिसकर्मी का जाना शख्सियतों से जुड़े रहने की एक नियमित कवायद है और इसके पीछे कोई दुर्भावना नही थी।
बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या किए जाने की घटना के बाद नगालैंड के दीमापुर में हालात सामान्य की ओर लौट रहा है। शहर में कर्फ्यू में भी ढील दी गई है और तीन दिन बाद फिर से बाजार खुले। इस बीच घटना के संबंध में और अधिक गिरफ्तारियां की गईं।
अमेरिकी न्याय विभाग जांच ने फग्यूर्सन, मिसौरी घटना को नस्ली पूर्वाग्रह से ग्रस्त पाया है। जांच में पाया गया है कि अधिकारी नियमित रूप से अत्यधिक बल का उपयोग करके, समन जारी कर और यातायात के दौरान रोक कर अश्वेतों के खिलाफ विभेदकारी नीति अपनाते हैं।
16 दिसंबर को हुए सामूहिक बलात्कार मामले के दोषी के साक्षात्कार को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तिहाड़ जेल के महानिदेशक आलोक कुमार वर्मा को तलब किया है। वहीं दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मीडिया को साक्षात्कार का प्रसारण करने से रोकने के लिए अदालत का आदेश हासिल कर लिया है।
ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड को सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत दी है। कोर्ट ने गुजरात पुलिस को निर्देश दिया है कि उसने तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद पर जो भी आरोप लगाये हैं उसके दस्तावेज़ों की सूची वह उनसे साझा करे। तीस्ता पर 2002 के दंगों मे तबाह अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी के संग्रहालय के लिए एकत्रित धन के गबन का आरोप लगाया गया है।
जासूसी कांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। देश की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मंत्रालय रक्षा मंत्रालय में भी अब जासूसी हो रही है। सोमवार देर रात दिल्ली पुलिस ने रक्षा मंत्रालय के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को गिरफ्तार किया है।
विभिन्न मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय एक और सख्त कदम उठाते ही जल्द ही कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों को मंत्रालय से हटा सकता है। इस मामले में कॉर्पोरेट घरानों के साथ कई गिरोहों की संलिप्तता और उनके उजागर होते कारनामों से सवाल उठने लगा है कि इसके पीछे असली खिलाड़ी कौन है? क्योंकि असल खिलाड़ी को लेकर रहस्य बना हुआ है।