हरिद्वार में आज अर्द्ध कुंभ का समापन और उज्जैन में सिंहस्थ-कुंभ की शाही शुरुआत हो रही है। भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े उत्सव, जिसमें लाखों नहीं करोड़ों लोग पहुंचते हैं।
देश के 33 करोड़ लोग सूखे और जल संकट से परेशान हैं, लेकिन शहरों और गांवों तक पहुंचने वाले नेताओं, मंत्रियों के स्वागत-सम्मान में गुलदस्ते, फूलमाला, प्रतीक चिह्न भेंट करने पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं।
सोशल मीडिया से जागरुकता बढ़नी चाहिए अथवा संकीर्ण विचारों को फैलाया जाए? यह सवाल विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की ईरान यात्रा के दौरान राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात के दौरान पहनी लिबास पर सोशल मीडिया में चली निरर्थक बहस से उठता है।
यात्रा भत्ते में घोटाले के आरोप में फंसे सांसद अनिल साहनी ने अपने बचाव में नया पर्दाफाश किया है कि ‘मैंने एलटीसी गिरोह के सदस्यों द्वारा मेरे नाम से फर्जी बिल जमा करने के बारे में 2013 में ही अधिकारियों से शिकायत की थी।’
केंद्र और दिल्ली सरकार की नाक के नीचे हजारों दलित परिवारों के लिए पीने लायक साफ पानी, बच्चों के लिए शिक्षा, सिर छिपाने लायक छोटे फ्लैट, गंदी नालियां और शौचालय साफ करने के लिए सामान और उचित मजदूरी नहीं है।
आजादी के बाद भारत की रक्षा-नीति में क्रांतिकारी बदलाव हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सैद्धांतिक रूप से अमेरिका को भारतीय सैनिक अड्डों का इस्तेमाल करने की स्वीकृति दे दी है। दोनों देशों के विमान और नौ सैनिक पोत भी एक-दूसरे के सैन्य अड्डों पर तैनात किए जा सकेंगे।
स्वामी दयानंद और राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी समेत कई संत, महात्मा, समाज सुधारकों ने महिलाओं को अंधविश्वास तथा सामाजिक कुरीतियों से बचाने के लिए जीवन पर्यंत काम किया और क्रांतिकारी बदलाव हुए। इसी भारतीय समाज में किसी मंदिर में महिलाओं के पूजा करने से बलात्कार जैसे अपराध होने या साईं बाबा की पूजा से सूखा पड़ने जैसी बातें शंकराचार्य के रूप में मान्यता प्राप्त स्वामी स्वरूपानंद के मुंह से सामने आना बेहद आश्चर्यजनक और शर्मनाक है।
दुनिया के किसी धार्मिक ग्रंथ में उपासना केंद्र में आतिशबाजी, मादक पदार्थों के सेवन और चोरी-हत्या की शिक्षा नहीं दी गई है। हर धर्म के उपासना केंद्र सर्वशक्तिमान के प्रति सम्मान, ध्यान, मानसिक शांति, संपूर्ण मानव समाज और बहुत हद तक प्राणी मात्र के लिए दया, करुणा, ममता, सहायता की प्रार्थना के केंद्र माने जाते हैं।