मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार जुट गई है। हालांकि भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं लेकिन अन्य मुद्दों पर कुछ दल चुप्पी साधकर सरकार का साथ दे सकते हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के 30 वर्ष पूरे होने पर धरना देने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे नर्मदा आंदोलनकारियों को आशंका है कि सरकार तीन राज्यों के 245 गांवों के 2.5 लाख लोगों की जिंदगियों को ताक पर रख फिर एक बार बांध की ऊंचाई बढ़ा देगी।
अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश होने की उम्मीद है। लेकिन इससे मानसून के आगे बढ़ने की गति प्रभावित हो सकती है।
चार दिन की देरी की बाद शुक्रवार को मानसून केरल पहुंच गया है। राज्य के अधिकांश इलाकों में बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के दौरान मानसून के आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है। आगामी 22-23 जून तक यह उत्तर व उत्तर पश्चिमी भारत पहुंच सकता है।
कृष्िा संकट और किसानों की खुदकुशी की खबरों के बीच इस साल सूखे का खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग ने मानसून का अनुमान घटाते हुए सामान्य के मुकाबले सिर्फ 88 फीसदी बारिश की उम्मीद जताई है। जबकि इससे पहले 93 फीसदी बारिश की उम्मीद जताई गई थी। कमजोर मानसून न सिर्फ खेती बल्कि देश की पूरी अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भी कमजोर मानसून से सरकार को आगाह किया है।
मानसून की बारिश इस बार सामान्य से और कम होने की आशंका है। पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि इस बार बारिश सामान्य से 12 प्रतिशत कम रह सकती है। इस आशंका ने शेयर बाजार की सेहत भी बिगाड़ दी है और मंगलवार को सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा लुढ़क गया।
मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्मीद जताई है।
लोकसभा में मंगलवार को भूमि अधिग्रहण विधेयक को संयुक्त समिति को भेजने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के साथ अब यह तय हो गया है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस विधेयक को लेकर जोर आजमाइश अब संसद के मानसून सत्र तक टल गई है।
केंद्र सरकार एक हजार चार सौ ठप परियोजनाओं को फिर शुरू करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि इस ठप परियोजनाओं की वजह से बैंकिंग प्रणाली दबाव में है।