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Search Result : "मुख्‍यमंत्री प्रोत्‍साहन योजना"

विजन केयर तक पहुंच बनाने के लिए ग्रामीण उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहन

विजन केयर तक पहुंच बनाने के लिए ग्रामीण उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहन

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन(डब्‍ल्‍यूएचओ) के अध्‍ययन ने साबित कर दिया है कि मोतियाबिंद के बाद अनकरेक्‍टेड रिफ्रैक्टिव एरर (यूआरई) दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो विकासशील देशों मेंअंधेपन का कारण है। यूआरई आंखों की बीमारी का सबसे प्रचलित रूप है। यह तब होता है जब आंखें किसी खास तस्‍वीर पर फोकस नहीं कर पाती हैं। यूआरई की वजह से दृष्टि धुंधली हो जाती है और कभी-कभार इतनी गंभीर हो जाती है कि बुरी तरह प्रभावित हो जाती है।
1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

देश में 1900 राजनैतिक दल हैं। इन पार्टियों में से करीब 400 पार्टियों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा। इसका मीडिया में यही मतलब निकाला जा रहा है कि इन पार्टियों के गठन का लक्ष्‍य कहीं कालेधन को सफेद करना ही तो नहीं था। इस तस्‍वीर के बाद दार्शनिक अंदाज में यह भी कहा जा सकता है कि भारतीयों के जीवन में 'राजनीति' बहुत गहराई तक शामिल है।
चीन की युआन के वैश्वीकरण की योजना को झटका, विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट

चीन की युआन के वैश्वीकरण की योजना को झटका, विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट

चीन की अपनी मुद्रा युआन के वैश्वीकरण की योजना को झटका लगा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आई है और उसकी मुद्रा का मूल्य घटा है।
पन्नीरसेल्वम भी कभी चाय वाले थे, अन्नाद्रमुक को एकजुट रख पाएंगे?

पन्नीरसेल्वम भी कभी चाय वाले थे, अन्नाद्रमुक को एकजुट रख पाएंगे?

जयललिता के निधन के बाद अब तीसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने ओ पन्नीरसेल्वम के सामने सबसे बड़ी चुनौती अन्नाद्रमुक को एक साथ जोड़कर रखने की है। करिश्माई व्यक्तित्व वाली पार्टी सुप्रीमो जयललिता की गैरमौजूदगी में अन्नाद्रमुक अब अपने आप को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिश कर रही है।
गरीबों के दिलों में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी अम्मा की योजनाएं

गरीबों के दिलों में उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी अम्मा की योजनाएं

जया अम्मा यानी दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता गरीबों को उनकी जरूरत का सामान मुफ्त और बहुत सस्ते में मुहैया कराने वाली मुख्यमंत्री के रूप में याद की जाएंगी। उनकी मौत पर आम गरीब तबके के लोगों के विलखने के पीछे उनका बजट का अधिकांश भाग गरीबों की सेवा में लगाया जाना भी है।
चिदंबरम ने कहा, मोदी की आय घोषणा योजना में और भी सुराख

चिदंबरम ने कहा, मोदी की आय घोषणा योजना में और भी सुराख

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आज मोदी सरकार की आय घोषणा योजना (आईडीएस) के बारे में सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना में और भी खामियां हो सकती हैं।
आय खुलासा योजना में दो बड़े खुलासे खारिज, होगी जांच

आय खुलासा योजना में दो बड़े खुलासे खारिज, होगी जांच

आयकर विभाग ने सितंबर में समाप्त आय खुलासा योजना (आईडीएस) के तहत मुंबई के एक परिवार की दो लाख करोड़ रुपये तथा अहमदाबाद के व्यापारी की विवादास्पद 13,860 करोड़ रुपये की घोषणा को खारिज कर दिया है। इस बारे में जांच जारी है ताकि उनके झूठे दावे के इरादे का पता लगाया जा सके।
13,860 करोड़ का कालाधन : गुजराती व्‍यापारी ने कहा, राजनेताओं का करेंगे पर्दाफाश

13,860 करोड़ का कालाधन : गुजराती व्‍यापारी ने कहा, राजनेताओं का करेंगे पर्दाफाश

13,860 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी का खुलासा करने के बाद गिरफ्तार हुए गुजराती व्यापारी महेश शाह को आयकर विभाग ने छोड़ दिया है। विभाग ने शनिवार को गिरफ्तार करने के बाद घंटों पूछताछ की और शाह के बयान रिकॉर्ड किए। इसके बाद शाह को छोड़ दिया गया है और सोमवार को फिर आने के लिए कहा है।
यूपी का दंगल, भाजपा बनारस में तय करेगी सीएम का मुखड़ा

यूपी का दंगल, भाजपा बनारस में तय करेगी सीएम का मुखड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बार की बनारस यात्रा कुछ महत्‍वपूर्ण होगी। इसमें पार्टी चौंकाने वाले फैसले ले सकती है। पार्टी सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी बूथ स्तरीय बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का मुखड़ा कौन होगा इसका खुलासा कर सकते हैं।
भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी के बाद ग्रामीण लोगों के जीवन पर व्‍यापक असर पड़ा है। अक्टूबर 2014 में आदर्श ग्राम योजना के तहत देशभर के सांसदों ने जिन गांवों को गोद लेेकर विकास कराने का जिम्‍मा लिया वहां भी बैंकों का अभाव है। नतीजा नोटबंदी के बाद आदर्श गांवों के ग्रामीण्‍ा लोगों को बैंकों के लिए भटकना पड़ रहा है। आश्‍चर्यजनक तथ्‍य यह है कि भाजपा सांसदों के गोद लिए गांवों में बैंक नहीं होने की वजह से ग्रामीण अपनी नकदी को लेकर खासे परेशान हैं।