जनगणना के धर्म से जुड़े आंकड़ें सार्वजनिक होने के बाद प्रवीण तोगड़िया और साक्षी महाराज जैसे हिंदुत्ववादी नेताओं ने आबादी को लेकर मुस्लिमों पर हमले तेज कर दिए हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व प्रॉक्टर डॉ.जमशेद सिद्दीकी की प्रोफेसर पद पर नियुक्ति पिछले काफी समय से विवादों में है। इस बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) जमीरउद्दीन शाह से शिकायत भी की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब इस मसले पर उपराष्ट्रपति कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कुलपति कार्यालाय को मामले पर गौर करने के आदेश दिए हैं।
गुजरात में पटेल आंदोलन की पहचान बने हार्दिक पटेल की तर्ज पर जाट समुदाय ने भी सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग तेज करने का फैसला किया है।
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ स्थानीय निकाय चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सत्तारूढ़ पीएमएल-एन को छोड़ मुस्लिम लीग के सभी धड़ों को मिलाकर एक नई पार्टी बना सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस नई पार्टी के प्रमुख के रूप में वह राजनीतिक में शीघ्र ही वापसी कर सकते हैं।
गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद गुजरात बंद के दौरान हिंसा भड़की। पटेल आरक्षण आंदोलन की आग पूरे राज्य में फ़ैल रही है। अभी तक 9 लोगोँ के मारे जाने और सैकड़ों के घायल होने की खबर हे। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी नेताओं, पुलिस और सरकारी संपत्ति को निशाना बनाया। गृह राज्य मंत्री राजनी पटेल के दफ्तर को उग्र भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। हार्दिक पटेल ने मौजूदा स्थिति के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। गुजरात में हालात पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है।
मुसलमान औरत के दिल में आजादी की तड़प की थाह लेने की जब-जब कोशिश की गई है तो भीतर ज्वालामुखी की तपिश को महसूस किया गया। वे भी यह जताने को बेसब्र हैं कि वे भी मुकम्मल आजादी की तलबगार हैं। वे नहीं चाहतीं कि उनके शौहर को एक से अधिक निकाह करने का हक हो। वे तलाक-तलाक-तलाक यानी मुंह जबानी तलाक के खिलाफ हैं।