इस बीच एक अच्छी खबर ये है कि ऊपरी समताप मंडल में ओजोन का लेवल हर दशक में 2-4 प्रतिशत बढ़ रहा है, जिसका मतलब है कि 1990 के दशक के बाद से ओजोन परत में सुधार हो रहा है।
आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मई में घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई है। खासतौर से कोयले और उर्वरक सेक्टर में कमजोरी के कारण वृद्धि दर में यह कमी आई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भारत में बाजार को और अधिक दक्ष बनाने के लिए पुरानी बुनियादी अड़चनों को दूर किए जाने की सिफारिश की है। आईएमएफ ने यह भी कहा है कि भारत में नोटबंदी के कारण हुई उथल-पुथल के बाद अर्थव्यवस्था में फिर तेजी लौटेगी तथा देश की वृद्धि दर 2017-18 में 7.2 प्रतिशत और 2018-19 में 7.7 प्रतिशत तक पहुंच पहुंच सकती है।
एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग इस्केप की एक रपट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले साल 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान देश में खपत बढ़ने तथा बुनियादी ढांचे पर उंचे खर्च की उम्मीद के साथ व्यक्त किया गया है।
पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो जाने के बाद 52 छात्रों को गिरफ्तार किया गया जबकि 66 के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प के दौरान कई मीडियाकर्मी भी घायल हो गए। ताजा जानकारी के अनुसार, पुलिस ने छात्रों पर लगे राजद्रोह के आरोप वापस ले लिए हैं। आज यह मामला संसद में भी गूंजा।
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ने और नये आर्डर मिलने के साथ साथ मुद्रास्फीति दबाव कम रहने से यह वृद्धि दर्ज की गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह परिणाम जारी किया गया है। इससे पहले पीएमआई के विनिर्माण क्षेत्र के सूचकांक में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।
नोटबंदी का प्रभाव अब कमजोर पड़ रहा है और वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना है लेकिन अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर जून के अंत तक ही उपलब्ध होगी। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को यह बात कही।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 प्रतिशत तक रहेगी।
नोटबंदी की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही है, जबकि पूरे वर्ष की वृद्धि का दूसरा अग्रिम अनुमान भी 7.1 प्रतिशत पर पूर्ववत रहा है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने इन आंकड़ों पर कहा कि ये आंकड़े पिछले वित्त वर्ष के ऊचे आधार प्रभाव की वजह से हैं और इनमें नोटबंदी का अधिक नकारात्मक प्रभाव नहीं दिख रहा है।