मेगा स्टार अमिताभ बच्चन या किंग खान शाहरूख खान या बॉलीवुड के दंबग सलमान खान आपके डायलॉग बोलें तो कैसे लगेगा? जरूर मजा आएगा। आपकी यह तमन्ना मोबाइल एप येडब (yedub) पूरी करेगा। येडब पहला ऐसा एप है, जहां स्टार यूजर के डायलॉग को अपनी आवाज देते हैं।
शीना बोरा हत्या मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी आवाज के नमूने के परीक्षण के लिए आज एक अदालत में अपनी सहमति दे दी। इंद्राणी ने अदालत से कहा, मैं परीक्षण के लिए सहमति देती हूं।
देश में अत्यंत खराब माहौल से उत्पन्न चिंताओं पर कोई आश्वासनकारी बयान न देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आज 50 से अधिक इतिहासकारों ने आवाज उठाई। दादरी और कलबुर्गी की हत्या जैसी घटनाओं पर लेखकों, कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और वैज्ञानिकों के बाद अब देश के इतिहासकारों ने भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई ।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई के चौथे एकदिवसीय मैच में मैच विजयी शतक जड़ने के बाद थके हुए लेकिन खुश भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने कहा कि यह पारी उनके करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण पारियों में से एक है।
पिछले कई वर्षों से हमारे देश में जो होता रहा है उसने सृजन-समुदाय को लगातार बेचैन किया हैः अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और धार्मिक बहुलता, सामाजिक समरसता पर संगठित प्रहार बहुत बढ़ गए हैं। राजनीति, धर्म और बाजार ने मिलकर, अपनी सभी मर्यादाएं छोड़कर, बेहद व्याप्ति अर्जित कर ली है। असहमति की जगह और अवसर सिकुड़ रहे हैं और पचास से अधिक वर्षों के परिपक्व लोकतंत्र में असहमति को देशद्रोही करार दिया जा रहा है।
चंडीगढ़ में एक न्यूज चैनल के पत्रकार अमित चौधरी जो अभी तक दूसरों की परेशानियों, उन पर हुए अत्याचारों को दिखाते और बताते रहे हैं, आज खुद उसका शिकार हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के चलते उनके साथ वो सब हुआ जिसे वह ‘तानाशाही, जुल्म, अत्याचार, प्रताड़ना और भयावह’ जैसे शब्दों के जरिये बयां करते हैं। यही नहीं, कारगिल युद्ध में देश के लिए दुश्मन से लोहा लेने वाले ब्रिगेडियर देवेंद्र सिंह के बेटे का निधन हो गया, उन्हें सेक्टर 25 के श्मशान घाट में बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। क्योंकि प्रधानमंत्री की रैली के चलते श्मशान घाट को पार्किंग में बदल दिया गया था। सोशल मीडिया के चलते अमित और ब्रिगेडियर देवेंद्र की तकलीफ का पता हमें लग भी गया लेकिन हजारों-लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास अपनी तकलीफ और पीड़ा बताने के लिए स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया का मंच नहीं है लेकिन असहनीय पीड़ा है।
गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
हरियाणा में कमल वाली सरकार आने के बाद से लेकर अभी तक कोई करिश्मा नहीं हुआ। वादों की जमीन बंजर है। लेकिन एक मंत्री ऐसे हैं जिनका अपने विभाग के काम को लेकर ऐसा जुनून है कि इतनी चर्चा सरकारी योजनाओं की नहीं होती जितनी उनके ट्वीट की हो जाती है। जब से इन्होंने पदभार संभाला है तब से छापे और बर्खास्तगियां आम बात है। वह कभी अस्पताल तो कभी सचिवालय की छत पर खुद चढक़र पानी की टंकी साफ करने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग में इनका ऐसा हौवा है कि हरियाणा में एक जुमला कहा जाने लगा है, ‘भाग नहीं तो अनिल विज आ जाएगा’। पांच दफा विधायक चुने जा चुके साफ-सुथरी छवि के विज ने न तो सरकारी मकान लिया, न टेलीफोन सुविधा। गलत निर्णयों में अपनी ही सरकार की ऐसी-तेसी करने से भी नहीं डरते।
सुषमा ने कहा कि ललित मोदी की पत्नी पिछले 17 साल से कैंसर से पीड़ित हैं, उनके खिलाफ कोई केस नहीं है और उन्होंने कोई चोरी नहीं की है। मैंने यात्रा के दस्तावेज के लिए सिफारिश की थी। मैंने मानवीय आधार पर संदेश ब्रिटिश सरकार तक पहुंचाया, अगर मेरी जगह सोनिया जी होतीं तो क्या करतीं।