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Search Result : "मैं सड़क हूं"

एक कवि का ‘मैं’ से ‘तुम’ हो जाना

एक कवि का ‘मैं’ से ‘तुम’ हो जाना

स्त्री अस्मिता को लेकर भारत में शुरू हुए स्त्रीवादी आंदोलनों और महिला अधिकारों की बहसों की शुरुआत के बाद से स्त्रीवादी कविता में उसके सरोकारों की भी बात होने लगी। हालांकि, उसके पहले भी स्त्रीवादी कविताएं लिखी जाती थीं, लेकिन तब उसमें स्त्री अधिकारों और सरोकारों की बातें कम होती थीं, स्त्री सौंदर्य और स्त्री प्रेम की बातें ज्यादा होती थीं।
मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
मैं रहूं न रहूं, भारत अतुल्य बना रहेगा: आमिर

मैं रहूं न रहूं, भारत अतुल्य बना रहेगा: आमिर

अतुल्य भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर की जिम्मेदारी से हटाए गए आमिर खान ने कहा है कि वह सरकार के फैसले का सम्मान करते हैं। एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, अतुल्य भारत अभियान से जुड़ना मेरे लिए खुशी और सम्मान की बात है, मैं ब्रॉड एबेंसेडर रहूं या ना रहूं, भारत अतुल्य रहेगा। इस बीच अतुल्य भारत अभियान के लिए मंत्रालय ने नए चेहरे की तलाश शुरू कर दी है। इस अभियान के लिए मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन सरकार की पहली पसंद बताए जा रहे हैं।
अशोक शाह की कविता: पहचान छोड़ आता हूं

अशोक शाह की कविता: पहचान छोड़ आता हूं

छह कविता संग्रह। साथ ही पुरातत्व विषयों पर भी लेखन। सभी पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं-कहानियां, लेख प्रकाशित। अनियतकालीन पत्रिका यावत का संपादन। सन 1990 से भारतीय प्रशासनिक सेवा में।
हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
अफगान में मौत की सड़क से गुजरते हुए डरते हैं हजारा समुदाय के लोग

अफगान में मौत की सड़क से गुजरते हुए डरते हैं हजारा समुदाय के लोग

अफगानिस्तान के मैदान शहर के पश्चिम में 40 किलोमीटर के राजमार्ग को मौत की सड़क के तौर पर जाना जाता है। इस सड़क के बारे में चालक कहते हैं कि इसपर आतंकवादी जातिय, हजारा अल्पसंख्यकों को भेड़ों और गायों की तरह काटते हैं।
राहुल की मोदी को चुनौती, 'दोषी हूं तो जेल भेजिए'

राहुल की मोदी को चुनौती, 'दोषी हूं तो जेल भेजिए'

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अपनी नागरिकता पर उठाए गए सवालों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि मोदी जी आरोप लगाना बंद कीजिए, अगर मैं गलत हूं तो जांच कराइए और जेल भेजिए।
' क्योंकि मैं चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं हुआ था '

' क्योंकि मैं चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं हुआ था '

कीड़े-मकौड़ों की तस्वीरें खींचने का उसे ऐसा जुनून था कि वह इसके लिए घरवालों से चोरी जंगलों में मारा-मारा फिरने लगा। हर मध्यम वर्गीय परिवार के मुखिया की तरह उसके पिता का सपना था कि वह पढ़ाई कर एक अदद सी सरकारी नौकरी पा ले या घर की खेती संभाले लेकिन सपनों के पंख उसे जंगलों में जानवरों, पेड़ों, पानी और कीड़ों की दुनिया में ले जाते। जो चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं होते उनका संघर्ष कई गुना होता है, शायद इसीलिए उसने जानवरों और जंगलों की तस्वीरों को ही ओढ़ना, पढ़ना, खाना और जीना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि बिना फोटोग्राफी की कोई तालीम लिए इस 25 वर्षीय युवा वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सतपाल सिंह की गिनती दुनिया के बेहतरीन वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों में होने लगी। इस वर्ष का नेचर बेस्ट फोटोग्राफर एशिया अवॉर्ड सतपाल सिंह की एक तस्वीर को मिला है। इसी महीने 9 तारीख को इन्हें अमेरिका में सम्मानित किया जाएगा। (वह तस्वीर जिसे अवॉर्ड मिला है।)
पार्टी जीती तो मैं सरकार चलाऊंगीः सू की

पार्टी जीती तो मैं सरकार चलाऊंगीः सू की

म्यांमार का राष्ट्रपति बनने से रोक लगने के बावजूद म्यांमार में लोकतंत्र की नायिका आंग सान सू की ने आज कहा कि अगर रविवार को हुए चुनाव में उनकी पार्टी जीतती है तो वह सरकार चलाएंगी। इस देश में पूर्व में सैन्य शासन था।
गडकरी का आइडिया: उपग्रह, ड्रोन से हाईवे की निगरानी

गडकरी का आइडिया: उपग्रह, ड्रोन से हाईवे की निगरानी

केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद नए-नए आइडिया पेश करने वाले नितिन गडकरी अब उपग्रह और ड्रोन के जरिये सड़क निर्माण की निगरानी कराएंगे।
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