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Search Result : "मैं सड़क हूं"

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
अफगान में मौत की सड़क से गुजरते हुए डरते हैं हजारा समुदाय के लोग

अफगान में मौत की सड़क से गुजरते हुए डरते हैं हजारा समुदाय के लोग

अफगानिस्तान के मैदान शहर के पश्चिम में 40 किलोमीटर के राजमार्ग को मौत की सड़क के तौर पर जाना जाता है। इस सड़क के बारे में चालक कहते हैं कि इसपर आतंकवादी जातिय, हजारा अल्पसंख्यकों को भेड़ों और गायों की तरह काटते हैं।
राहुल की मोदी को चुनौती, 'दोषी हूं तो जेल भेजिए'

राहुल की मोदी को चुनौती, 'दोषी हूं तो जेल भेजिए'

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अपनी नागरिकता पर उठाए गए सवालों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि मोदी जी आरोप लगाना बंद कीजिए, अगर मैं गलत हूं तो जांच कराइए और जेल भेजिए।
' क्योंकि मैं चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं हुआ था '

' क्योंकि मैं चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं हुआ था '

कीड़े-मकौड़ों की तस्वीरें खींचने का उसे ऐसा जुनून था कि वह इसके लिए घरवालों से चोरी जंगलों में मारा-मारा फिरने लगा। हर मध्यम वर्गीय परिवार के मुखिया की तरह उसके पिता का सपना था कि वह पढ़ाई कर एक अदद सी सरकारी नौकरी पा ले या घर की खेती संभाले लेकिन सपनों के पंख उसे जंगलों में जानवरों, पेड़ों, पानी और कीड़ों की दुनिया में ले जाते। जो चांदी का चम्मच मुंह में लिए पैदा नहीं होते उनका संघर्ष कई गुना होता है, शायद इसीलिए उसने जानवरों और जंगलों की तस्वीरों को ही ओढ़ना, पढ़ना, खाना और जीना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि बिना फोटोग्राफी की कोई तालीम लिए इस 25 वर्षीय युवा वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सतपाल सिंह की गिनती दुनिया के बेहतरीन वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों में होने लगी। इस वर्ष का नेचर बेस्ट फोटोग्राफर एशिया अवॉर्ड सतपाल सिंह की एक तस्वीर को मिला है। इसी महीने 9 तारीख को इन्हें अमेरिका में सम्मानित किया जाएगा। (वह तस्वीर जिसे अवॉर्ड मिला है।)
पार्टी जीती तो मैं सरकार चलाऊंगीः सू की

पार्टी जीती तो मैं सरकार चलाऊंगीः सू की

म्यांमार का राष्ट्रपति बनने से रोक लगने के बावजूद म्यांमार में लोकतंत्र की नायिका आंग सान सू की ने आज कहा कि अगर रविवार को हुए चुनाव में उनकी पार्टी जीतती है तो वह सरकार चलाएंगी। इस देश में पूर्व में सैन्य शासन था।
गडकरी का आइडिया: उपग्रह, ड्रोन से हाईवे की निगरानी

गडकरी का आइडिया: उपग्रह, ड्रोन से हाईवे की निगरानी

केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद नए-नए आइडिया पेश करने वाले नितिन गडकरी अब उपग्रह और ड्रोन के जरिये सड़क निर्माण की निगरानी कराएंगे।
दर्दनाक: जिंदा शख्‍स को दफन कर बना दी सड़क

दर्दनाक: जिंदा शख्‍स को दफन कर बना दी सड़क

मध्‍य प्रदेश के कटनी में एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया है। निर्माणाधीन सड़क पर बेहोश पडे़ 45 वर्षीय एक व्यक्ति पर कथित तौर पर मुरम डालकर पाट दिए जाने और उस पर सड़क बना देने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है। पुलिस ने सड़क निर्माण कंपनी के डम्पर चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखी, इसकी ताकत जानता हूं: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भाषा की भक्ति बहिष्कृत करने वाली नहीं होनी चाहिए बल्कि यह सम्मिलित करने वाली होनी चाहिए। हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है लेकिन उन्‍हें हिंदी की ताकत का अहसास है। हिंदी के बिना आज वह यहां तक नहीं पहुंचते।
तू-तू, मैं-मैंः  मोदी ने भी बताया नीतीश के पैकेज को धोखा

तू-तू, मैं-मैंः मोदी ने भी बताया नीतीश के पैकेज को धोखा

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पैकेज को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को सवा लाख करोड़ का जो पैकेज घोषित किया उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2.7 लाख करोड़ रूपये का पैकेज घोषित कर दिया। अब पैकेज को लेकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाना साध रहे हैं।
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
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