राजस्थान के स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने आज यहां स्थित हिंगोनिया गौशाला का दौरा किया। हिंगोनिया गौशाला में पिछले दो सप्ताह में कथित रूप से पांच सौ से अधिक गायों की मौत को लेकर सरकार कठघरे में है।
टोल वसूली के खिलाफ यूं तो देश के कई हिस्सों में छोटे-बड़े धरने-प्रदर्शन और आंदोलन होते रहते हैं, लेकिन अनुचित तरीके से टोल वसूली के खिलाफ राजस्थान में चली कानूनी मुहिम पूरे देश के लिए नजीर बन सकती है। यह मामला बताता है कि कैसे सरकारी मिलीभगत के जरिये एक स्टेट हाईवे पर टोल (चुंगी) वसूली 6 साल 7 महीने के लिए बढ़ाकर सिर्फ एक-दो करोड़ रुपये के निर्माण के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त चुंगी वसूलने का फैसला किया गया।
क्या कारण है कि जिस आडवाणी ने पहली बार जनसंघ का अध्यक्ष बनने पर 1973 में एक झटके में बलराज मधोक जैसी मजबूत शख्सियत को पार्टी से जड़ से उखाड़ फेंका, 1974 में जयप्रकाश आंदोलन के उड़ते तीर को पार्टी के लिए पकड़ बाद की इमरजेंसी के प्लावन मं सांप्रदायिकता की अस्पृश्यता धोने में गजब की फुर्ती दिखाई, संघ परिवार के संगठनों द्वारा आजादी के वक्त से ईंट-बैठाकर सुलगाए जा रहे बाबरी-मस्जिद रामजन्म भूमि के मसले को गरमाने के अवसरवादी क्षण को 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार के संकट में अचूक पहचाना, 1996 में भाजपा की सत्ता के लिए अन्य दलों के साथ जरूरी गठजोड़ बनाने के वास्ते खुद पीछे हटकर वाजपेयी को आगे करने की उस्तादी दिखाई, आज वही अपने नेतृत्व में न सहयोगी गठबंधन को उत्साहित कर पाए न अपनी पार्टी की दूसरी प्रांत के नेताओं को?