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Search Result : "यूपीवुड के हसीन सपने"

रवि बुले की कहानी: प्रोडक्शन नं.3

रवि बुले की कहानी: प्रोडक्शन नं.3

5 सितंबर, 1971, जबलपुर (म.प्र) में जन्म। ढाई दशक से पत्रकारिता में सक्रीय। बीते दस बरस में दो कहानी संग्रहः आईने सपने और वसंत सेना। यूं ना होता तो क्या होता। पिछले साल आया उपन्यास दलाल की बीवी काफी चर्चित रहा। गुजरे डेढ़ दशक से लगातार फिल्म समीक्षाएं, विवेचन और अध्ययन। मुंबई में निवास। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक अमर उजाला के मुंबई ब्यूरो प्रमुख।
शिक्षा के सपने का कानूनी ककहरा

शिक्षा के सपने का कानूनी ककहरा

बच्चों को शिक्षा के लिए सदमे और डर से मुक्त माहौल देने के लिए शारीरिक दंड एवं वार्षिक परीक्षा आधारित पास-फेल की प्रणाली खत्म कर दी जा रही है। इसके बदले निरंतर मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है। विधेयक में सभी विद्यालयों के पाठ्याचार को संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप ढालने का प्रावधान किया है। इससे कुछ संस्थाओं, संगठनों के स्कूलों में सांप्रदायिक और इस तरह के अन्य एजेंडे को सीमित करने मे मदद मिलेगी।
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