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Search Result : "रखी जाए"

गठजोड़ ही भाजपा की गांठ न बन जाए

गठजोड़ ही भाजपा की गांठ न बन जाए

असम विधानसभा की 126 सीटों के लिए चुनाव चार और ग्यारह अप्रैल को होना है लेकिन चुनावी तस्वीर साफ नहीं है। किसी भी पार्टी या गठबंधन के पक्ष में हवा नहीं है। अंतिम क्षण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने असम गण परिषद (अगप) के साथ गठबंधन किया है, जबकि हाग्रामा मोहिलारी नेतृत्व वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ उसका गठबंधन पहले से है।
बिहार को मिला विशेष पैकेज कहीं जुमला न बन जाए

बिहार को मिला विशेष पैकेज कहीं जुमला न बन जाए

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख पच्चीस हजार के विशेष पैकेज की घोषणा की थी तो यह सवाल उठा था कि आखिर इतना बड़ा पैकेज किस मद में दिया जाएगा। चुनाव बीत गया और योजनाओं की लंबी फेहरिस्त भी तैयार हो गई लेकिन केंद्र ही इस सौगात पर ग्रहण ही लगा हुआ है। बिहार के कोटे से केंद्र सरकार में आठ मंत्री शामिल है जिनमें तीन कैबिनेट, दो स्वतंत्र प्रभार और तीन राज्यमंत्री हैं। स्वतंत्र प्रभार के मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान हैं तो उड़ीसा से लेकिन बिहार के कोटे से राज्यसभा सदस्य हैं।
जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए :स्वामी

जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए :स्वामी

दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का नाम बदलकर सुभाष चन्द्र बोस यूनिवर्सिटी रखने की मांग करते हुये भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने शनिवार को आरोप लगाया कि वह ऐसे लोगों का अड्डा बनता जा रही है जो देश के खिलाफ साजिश में शामिल है।
वनडे क्रिकेट भी गुलाबी गेंद से खेला जाए: गावस्कर

वनडे क्रिकेट भी गुलाबी गेंद से खेला जाए: गावस्कर

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अब एकदिवसीय क्रिकेट में भी गुलाबी गेंद का उपयोग शुरू कर देना चाहिए क्योंकि सफेद गेंद से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही है।
उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखी पंचायत चुनाव पर हरियाणा के कानून की वैधता

उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखी पंचायत चुनाव पर हरियाणा के कानून की वैधता

हरियाणा में अब पढ़े-लिखे लोग ही पंचायत के चुनाव लड़ सकेंगे। हरियाणा पंचायती राज संशोधन कानून-2015 पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी मोहर लगा दी है।
‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों और साहित्यकारों के खिलाफ फिल्म अभिनेता और भाजपा समर्थक अनुपम खेर आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग ‪#‎MarchForIndia टॉप ट्रेंड कर रहा है। खेर का कहना है कि पुरस्कार लौटाने वालों ने न केवल सरकार का बल्कि दर्शकों और ज्यूरी का भी अपमान किया है। खेर के साथ फिल्म जगत की कई और हस्तियां और साहित्यकार भी मार्च में हिस्सा लेंगे। सोशल मीडिया पर अनुपम खेर समेत इन फिल्मकारों और साहित्यकारों के बारे में कुछ ऐसा लिखा गया-
जिस जेल की नींव रखी, वहीं पहुंचे अलेमाओ

जिस जेल की नींव रखी, वहीं पहुंचे अलेमाओ

नियति की विडंबना देखिए कि लुइस बर्जर मामले में हाल में गिरफ्तार किए गए गोवा के पूर्व लोकनिर्माण विभाग मंत्री चर्चिल अलेमाओ को उसी जेल में रखा गया है, जिसकी कभी उन्होंने आधारशिला रखी थी।
सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से भारत रत्न वापस लेने की याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। याचिका में कहा गया है कि सचिन अपने इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान का इस्तेमाल व्यावसायिक उत्पादों के विज्ञापन के लिए करते हुए धन कमाते हैं।
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

मिसरा बेशक यह साहिर लुधियानवी के गीत का है लेकिन अफसानानिगार सआदत हसन मंटो पर सटीक बैठता है। ताउम्र ढोंग, तमाशे और साहित्य की राजनीति से दूर रहने वाले मंटो ने कहा था- ‘ हर शहर में बदरौएं और मोरियां मौजूद हैं जो शहर की गंदगी को बाहर ले जाती हैं। हम अगर अपने मरमरी गुसलखानों की बात कर सकते हैं, अगर हम साबुन और लैवेंडर का जिक्रकर सकते हैं तो उन मोरियों और बदरौओं का जिक्र क्यों नहीं कर सकते जो हमारे बदन की मैल पीती हैं।‘ मंटो की 100वीं जन्मशताब्दी से लेकर आज तक उनके नाम पर उनके तथाकथित मुरीदों ने राजनीति, तमाशा और ढोंग ही किया है। मंटो के इन मुरीदों को वह सब चाहिए जो मंटो को नहीं चाहिए था। मंटो के माएने तो यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
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