स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
अखिल भारतीय संताली लेखक सम्मिलन में नित्यानंद हेंब्रम की अध्यक्षता वाले ‘संताल समाज की विविध चुनौतियाँ’ विषयक सत्र में सखलू मुर्मु ने बताया कि संताली समाज की एकता की सूत्र बनी ओलचिकी लिपि का निर्माण पं.रघुनाथ मुर्मु ने किया।