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Search Result : "रवि दहिया की कहानी"

कहानी - किस्सागो

कहानी - किस्सागो

जवाहर लाल विश्विद्यालय, नई दिल्ली से हिंदी साहित्य में पीएचडी। पत्थरों के दिल में, कविता संग्रह प्रकाशित। निर्मल वर्मा की कथा भाषा और साहित्य की आत्म-सत्ता’ आलोचना पर पुस्तकें। रामचरितमानस पर लिखे गए लेख विशेष चर्चित। कुछ लेखों का अंग्रेजी में अनुवाद। कहानी ज्ञानक्षेत्रे-कुरुक्षेत्रे का नाट्य-रूपांतरण। प्रभा का संपादन।
अजहर सिर्फ खिलाड़ी की कहानी नहीं

अजहर सिर्फ खिलाड़ी की कहानी नहीं

भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन की जीवनी पर बन रही फिल्म अजहर में उनकी भूमिका को जीवंत करना इमरान हाशमी के लिए एक चुनौती था। इस फिल्म में मैच फिक्सिंग कांड में पूर्व कप्तान की भूमिका का घटनाक्रम दिखाया गया है।
पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिवस पर गूगल ने बनाया डूडल

पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिवस पर गूगल ने बनाया डूडल

जानेमाने सितारवादक पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिन पर उनके सम्मान में सर्च इंजन गूगल ने डूडल बनाया है। उनके सम्मान में बनाए गए इस डूडल के केंद्र में सितार है।
मीट द पटेल्स के रवि को भाता है बॉलीवुड

मीट द पटेल्स के रवि को भाता है बॉलीवुड

प्रसिद्ध कॉमेडी वृत्तचित्र मीट द पटेल्स के निर्देशक-अभिनेता भारतीय मूल के रवि पटेल का कहना है कि वह किसी भी बॉलीवुड फिल्म में अभिनय करना चाहते हैं। यहां तक की ऐसी भूमिका भी जिसमें पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचना हो!
सौ करोड़ के पास पहुंची आधार नामांकनों की संख्या

सौ करोड़ के पास पहुंची आधार नामांकनों की संख्या

देश में आधार नामांकन की संख्या कुछ ही दिनों में 100 करोड़ के आंकड़े को लांघ जाएगी। इस उपलब्धि से सरकार की उस योजना को बड़ा बल मिलने की उम्मीद है जिसके तहत वह विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ व सब्सिडी लाभान्वितों को सीधे पहुंचाना चाहती है।
उत्तराखंड: व्यय के लिए केंद्र का अध्यादेश, कांग्रेस पहुंची हाईकोर्ट

उत्तराखंड: व्यय के लिए केंद्र का अध्यादेश, कांग्रेस पहुंची हाईकोर्ट

केंद्र सरकार ने आज से उत्तराखंड के खर्च के प्राधिकार को लेकर एक अध्यादेश जारी किया, जहां राष्ट्रपति शासन लागू है। उत्तराखंड विनियोग (लेखानुदान) अध्यादेश 2016 को कल राष्ट्रपति ने लागू किया था। कांग्रेस पार्टी ने अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
कामकाजी पत्नी पर वैचारिक कहानी - कशमकश

कामकाजी पत्नी पर वैचारिक कहानी - कशमकश

22 जुलाई सन 1979 को, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के नेवादा गांव में जन्म। प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा वहीं। स्नातक और परास्नातक पूर्वांचल विश्वविद्यालय से। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से ही ‘प्राचीन भारतीय ग्राम प्रशासन में ग्राम सभाओं की भूमिका’ विषय पर पी-एच. डी.। अनेक राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं (नया ज्ञानोदय, लमही, अक्षर पर्व, पाठ, अक्सर, संवदिया, प्रेरणा, प्रसंग, आधुनिक साहित्य, एक और अंतरीप, आज समाज, नेशनल दुनिया, असुविधा ब्लॉग, शब्दांकन) में रचनाएं। (अनुवाद, वार्ता, समीक्षा, कहानी, कविता, लेख) प्रकाशित। अनभै’ पत्रिका के पुस्तक-संस्कृति विशेषांक का सम्पादन। अनेक काव्य-पाठ कार्यक्रमों एवं साहित्यिक-गोष्ठियों में भागीदारी। साहित्यिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विषयों से जुड़े अनेक राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय सेमिनारों में सक्रिय सहभागिता। साहित्य और ब्लॉग लेखन में विशेष रुचि। कहानी के लिए कलमकार सांत्वना पुरस्कार
कहानी - दुर्गंध

कहानी - दुर्गंध

15 अगस्त, 1960 कानपुर में जन्म। तीन दशक से भी ज्यादा समय से कहानी लेखन में सक्रीय। देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। आंचलिक कथाकार के रूप में पहचान। कुछ कहानियों का बांग्ला, तमिल और उर्दू में अनुवाद। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कहानियों पर, ‘गोविंद उपाध्याय की कहानियों में सामाजिक जीवन’ शीर्षक से लघु शोध-प्रबंध। ‘बारात’ और ‘पीढ़ी’ कहानियां पाठ्य-पुस्तक में संकलित। कादम्बिनी द्वारा आयोजित साहित्यिक महोत्सव में कहानी पुरस्कृत। कथाबिंब के कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार में कहानी को उत्तम पुरस्कार। कमलेश्वर-वर्तमान साहित्य कथा पुरस्कार में कहानी चयनित एवं प्रकाशित। कई कृतियां, जिसमें से पंखहीन, समय, रेत और फूकन फूफा, सोनपरी का तीसरा अध्याय, चौथे पहर का विरह गीत, आदमी, कुत्ता और ब्रेकिंग न्यूज़, बूढ़ा आदमी और पकड़ी का पेड़ तथा नाटक तो चालू है मुख्य रूप से सराही गईं।