सौर उर्जा की लागत कम करने के लिए प्रतिष्ठित एस एन बोस इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंसेज के शोधकर्ता ऐसा विचार लेकर आए हैं, जिसके जरिये सौर पैनलों के निर्माण के लिए सिलिकॉन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है।
देश के पहले सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमय तरीके से गायब होने से जुड़े दस्तावेज हैं ही नहीं। उन्हें या तो चूहें कुतर गए या वे गुम हो गए।
यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।
भारत में मीडिया, जनमत और धारणाएं मैनेज की अपनी काबिलियत से यह सरकार अभिभूत हो गई दिखती है। इतना कि अपनी महान क्षमताओं के कल्पना-लोक में मदोन्मत्त विचरती वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया या फिर भारत के लिए दशकों से शूल बने पड़ोसी देश के फौजी प्रतिष्ठान को अपने बड़बोलेपन और धौंस-पट्टी से ही प्रभावित कर लेना चाहती है।
मना करने के बावजूद राष्ट्रपति के मुहं से अनायास निकली बात के प्रकाशन को लेकर भारत ने स्वीडिश दैनिक से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। स्वीडन में भारतीय राजदूत के जरिए बोफोर्स सौदे से जुड़ी बातों को छपने से रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन अखबार ने इसे नजरअंदाज किया।
अमेरिका में भारत के नए राजदूत अरूण कुमार सिंह ने अपने दस्तावेजों की प्रतियां विदेश मंत्रालय के चीफ ऑफ प्रोटोकॉल के कार्यालय में पेश करने के बाद औपचारिक तौर पर अपना पदभार संभाल लिया।
5 मई को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आधिकारिक तौर पर माना कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की 20 सालों तक कथित जासूसी की जांच वह नहीं करवाने जा रही है। गृहराज्यमंत्री हरिभाई पारथी भाई चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह भी माना कि नेताजी से संबंधित और कोई दस्तावेज सरकार सार्वजनिक नहीं करेगी।
अमेरिका ने कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए आज मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अमेरिका का मानना है कि बदलाव लाने के लिए शांतिपूर्ण प्रयास करने वाले सरकार विरोधी नहीं हैं और न ही वे राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद इंडोनेशिया में दो ऑस्ट्रेलियाई नागरिक समेत सात लोगों को मृत्युदंड दिया। इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए ऑस्ट्रेलिया ने इंडोनेशिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है।