Advertisement

Search Result : "राजनीतिक सहमति"

आसानी से अपना काला धन सफेद कर सकती हैं पार्टियां

आसानी से अपना काला धन सफेद कर सकती हैं पार्टियां

राजनीतिक पार्टियां विधानसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं के खाते में नकदी डालकर अपने काले धन को सफेद बनाने का प्रयास कर सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषक प्रधानमंत्री की पहल को मात्र लोकप्रियता हासिल करने के लिए उठाया गया कदम करार दे रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इससे राजनीतिक दलों द्वारा काले धन के इस्तेमाल पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।
काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक: चुनाव में लगी पार्टियों के लिए हो सकती है मुश्किल

काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक: चुनाव में लगी पार्टियों के लिए हो सकती है मुश्किल

केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटों का चलन बंद किए जाने का असर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही राजनीतिक पार्टियों की तैयारियों पर भी पड़ सकता है। हालांकि सभी पार्टियां केंद्र सरकार के इस कदम से खुद पर पड़ने वाले असर के मुद्दे पर खामोश हैं, लेकिन चुनावों के लिए पार्टियों द्वारा चंदा एकत्र किए जाने के अब तक के तौर-तरीकों से यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बड़े नोटों का चलन बंद हो जाने से उन पर क्या असर पड़ेगा।
विश्वास को शिकायत, लोकप्रिय कवि हूं पर सरकारी कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता

विश्वास को शिकायत, लोकप्रिय कवि हूं पर सरकारी कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता

मंच के कवि होने के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय कुमार विश्वास के मुताबिक केंद्र की सरकारों ने उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं दिया और राजनीतिक विचार नहीं मिलने के कारण उन्हें सरकारी कार्यक्रमों तक में आमंत्रित नहीं किया जाता।
राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर काम करेंः खट्टर

राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर काम करेंः खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज जहां दलों से राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए राजनीतिक भावना से उपर उठने की अपील की, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने उसके सदस्यों को बोलने के लिए कम समय दिए जाने के विरोध में सदन से वाकआउट किया।
जीएसटीः करदाता इकाइयों पर अधिकार को लेकर नहीं बन सकी सहमति

जीएसटीः करदाता इकाइयों पर अधिकार को लेकर नहीं बन सकी सहमति

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के लिये चार स्तरीय कर दरें तय करने के बाद आज केन्द्र और राज्यों के बीच विभिन्न करदाता इकाइयों पर अधिकार क्षेत्र को लेकर सहमति नहीं बन सकी।
समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग ने राजनीतिक दलों से मांगी राय

समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग ने राजनीतिक दलों से मांगी राय

समान नागरिक संहिता के विवादास्पद मुद्दे पर विचार विमर्श के दायरे का विस्तार करते हुए विधि आयोग ने सभी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से अपनी राय साझा करने का आह्वान किया है। साथ ही आयोग ने इस विषय पर संवाद के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को निमंत्रित करने की योजना भी बनाई है।
पिछले दरवाजे से नहीं लाएंगे समान नागरिक संहिता: सरकार

पिछले दरवाजे से नहीं लाएंगे समान नागरिक संहिता: सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि समान नागरिक संहिता को पिछले दरवाजे और आम सहमति के बिना नहीं लाया जाएगा। उन्होंने इस आरोप से इंकार किया कि भाजपा इस विवावादस्पद मुद्दे को चुनावों विशेषकर उत्तर प्रदेश चुनाव के कारण हवा दे रही है।
सपा परिवार में जारी संकट के बीच गुजरात दौरा छोड़ दिल्ली लौटे अमित शाह

सपा परिवार में जारी संकट के बीच गुजरात दौरा छोड़ दिल्ली लौटे अमित शाह

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में चल रही कलह से बन रहे राजनीतिक हालात के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज अपने गुजरात दौरे को बीच में ही छोड़कर दिल्ली वापस लौट आए।
लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। भारत को मिली बढ़त मुख्यत: शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
एक्सक्लुसिवः  ‘मेरा काम और राजनीतिक भविष्य दांव पर’ : अखिलेश यादव

एक्सक्लुसिवः ‘मेरा काम और राजनीतिक भविष्य दांव पर’ : अखिलेश यादव

23 अक्टूबर- रविवार राजनीतिक तूफान जैसी गति‌विधियों में उलझी उत्तर प्रदेश की राजधानी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रदेश के विधायकों एवं विधान परिषद के सदस्यों के साथ बैठक, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और परिवार के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के निवास पर हाल के निष्कासित मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का विचार-विमर्श। ऐसी गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिंदी आउटलुक के लिए दो दिन पहले से निर्धारित कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया। इसके विपरीत समय से थोड़ा पहले ही शाम चार बजे निश्चिंत भाव से अपने कक्ष में उ.प्र. की ताजा राजनीतिक स्थिति, प्रदेश और जनता के लिए बनी प्राथमिकताओं, भाजपा तथा केंद्र सरकार से मिल रही चुनौतियों-कठिनाइयों, आगामी विधान सभा चुनाव के प्रमुख मुद्दों पर लगभग डेढ़ घंटे बातचीत की।
Advertisement
Advertisement
Advertisement