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Search Result : "राजनीतिक स्वार्थ"

राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटी नेताओं की पत्नियां

राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटी नेताओं की पत्नियां

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के महासंग्राम में कई नेताओं की पत्नियां अपने-अपने पतियों की मदद करने और उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटी हुई हैं।
कमल में रंग भरने के बाद शुरू हुई राजनीतिक अटकलों पर हंसे नीतीश

कमल में रंग भरने के बाद शुरू हुई राजनीतिक अटकलों पर हंसे नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
राजनीतिक चंदा : आय का विवरण नहीं देने पर कर छूट खत्म हो जाएगी

राजनीतिक चंदा : आय का विवरण नहीं देने पर कर छूट खत्म हो जाएगी

राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
दिसंबर तक रिटर्न दाखिल करें राजनीतिक दल : सरकार

दिसंबर तक रिटर्न दाखिल करें राजनीतिक दल : सरकार

राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 रुपये तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
बजट- राजनीतिक दलों को चंदा के लिए बैंक जारी करेंगे चुनावी बांड

बजट- राजनीतिक दलों को चंदा के लिए बैंक जारी करेंगे चुनावी बांड

केंद्रीय वित्‍त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टी एक व्‍यक्ति से अधिकतम दो हजार रुपए का नगद चंदा ले सकती है। राजनीतिक दलों की वित्‍त पोषण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के कदमों के बारे में बताते हुए वित्‍त मंत्री ने प्रस्‍ताव किया कि राजनीतिक दलों को चंदा लेने में सुविधा के लिए बैंक चुनावी बांड जारी करेंगे।
बादल ने न दल बदला न दिलः मोदी

बादल ने न दल बदला न दिलः मोदी

नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जालंधर में पहली चुनावी रैली की। उन्होंने कहा ‘कुछ लोग निजी स्वार्थ की वजह से इस चुनाव में पंजाब की आन-बान-शान पर दाग लगाने का काम कर रहे हैं। उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।‘ इस दौरान मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला लेकिन 'आप' पर कुछ नहीं कहा। मोदी ने कहा- ‘कांग्रेस एक बीती हुई बात है। आखिरी सांस पर गुजारा करने वाला दल है।‘ प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टी और यूपी में सपा का हाथ थामा। यह उनके लिए चुनावी उत्सव है, लेकिन बादल साहब ने ना दिल बदला और ना दल।‘
69 फीसदी चंदे का स्रोत नहीं बताती पार्टियां

69 फीसदी चंदे का स्रोत नहीं बताती पार्टियां

पिछले 11 साल में राजनीतिक पार्टियों को मिले चंदे के आंकड़ों से फंडिंग को पारदर्शी बनाने की जरूरत को बल मिला है। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार 11 सालों में राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे के 69 फीसदी के स्रोत का पता ही नहीं है। इस दौरान राजनीतिक दलों को ज्ञात स्रोत से केवल 16 फीसदी ही चंदा जुटा पाए थे।
पंजाब चुनावः जेटली की जनसभा और सिद्धू पत्रकारों से मुखातिब होंगे

पंजाब चुनावः जेटली की जनसभा और सिद्धू पत्रकारों से मुखातिब होंगे

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 4 फरवरी को मतदान है। इन दिनों राजनीतिक पार्टियों ने मतदाताओं को वोटरों के रिझाने के लिए पूरा जोर लगाने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह स्टार प्रचारक में शामिल हैं, जबकि प्रियंका गांधी का नाम नहीं हैं। हालांकि, गुरुवार को ही अमरिंदर सिंह ने अमृतसर में मीडिया से बातचीत में साफ कर दिया था कि प्रियंका गांधी पंजाब में प्रचार नहीं करेंगी।
पंजाब चुनाव के लिए राजनीतिक परिवारों पर कांग्रेस का भरोसा

पंजाब चुनाव के लिए राजनीतिक परिवारों पर कांग्रेस का भरोसा

पंजाब चुनावों के लिए कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन में परिवार की राजनीति ही हावी रही जिसमें सीटें राजनीतिक परिवारों की अगली पीढ़ियों को गयीं या वृद्ध नेताओं ने अपने या अपने परिजनों को उम्मीदवार बनाने के लिए दबाव बनाया।
राजनीतिक दलों को डिजिटल लेनदेन से  परहेज

राजनीतिक दलों को डिजिटल लेनदेन से परहेज

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनावों में कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है लेकिन पिछले एक दशक से प्रमुख राजनीतिक दल चुनावी चंदे के रूप में मिली नकदी की घोषणा करने से बचते रहे हैं। यूं कहें कि राजनीतिक दल डिजिटल लेनदेन से परहेज करते आ रहे हैं। पिछले एक दशक में इन दलों ने चुनावों के लिए 63 फीसदी चंदा नकद ही लिया है।
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