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Search Result : "रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी"

रुबी के रौब के पीछे क्या है राज

रुबी के रौब के पीछे क्या है राज

मसूरी स्थित आईएएस प्रशिक्षण अकादमी में फर्जी महिला आईएएस के मामले में एक रहस्य गहराता जा रहा है कि आखिर रूबी चौधरी की इतनी हेकड़ी के पीछे कौन है।
आइएएस प्रशिक्षण अकादमी की सुरक्षा सवालों के घेरे में

आइएएस प्रशिक्षण अकादमी की सुरक्षा सवालों के घेरे में

मसूरी ‌स्थित आइएएस प्रशिक्षण अकादमी में फर्जी प्रशिक्षु के नाम पर रह रही महिला का मामला उजागर होने के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। क्योंकि एक महिला छह महीने से इस अकादमी में फर्जी कार्ड बनाकर रह रही थी लेकिन किसी को खबर तक नहीं लगी।
शुक्रवार को होगी रैना की शादी

शुक्रवार को होगी रैना की शादी

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज सुरेश रैना की शादी शुक्रवार को होगी। उनकी शादी दिल्ली के बड़े होटल में होने जा रही है।
ट्रेन में लुटे मध्य प्रदेश के मंत्री जी

ट्रेन में लुटे मध्य प्रदेश के मंत्री जी

जयंत मलैया और उनकी पत्नी से चलती ट्रेन के वातानुकूलित डिब्बे में खंजर दिखाकर सोने की चेन, अंगूठी और कुछ नकदी लूट ली गई। दंपती दिल्ली आने के लिए दमोह से ट्रेन में सवार हुआ था।
आरआईएल के उपाध्यक्ष मोहनन दस्तावेज लीक मामले में संदिग्धः सीबीआई

आरआईएल के उपाध्यक्ष मोहनन दस्तावेज लीक मामले में संदिग्धः सीबीआई

सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (वित्त) के. वी. मोहनन और मुंबई की कानूनी फर्म चितले एंड एसोसिएट्स के राजेन्द्र चितले दस्तावेज लीक मामले में संदिग्ध हैं।
कर्ज़ नहीं वसूल पा रहे हैं सरकारी बैंक

कर्ज़ नहीं वसूल पा रहे हैं सरकारी बैंक

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में फंसी राशि मार्च 2014 तक के तीन वर्षों में तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह जानकारी सरकार ने संसद में दी है।
क्या राहुल गांधी को राजनीति से ही छुट्टी ले लेनी चाहिए?

क्या राहुल गांधी को राजनीति से ही छुट्टी ले लेनी चाहिए?

संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के छुट्टी लेने पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। विपक्ष इसे राहुल का पलायन कह रहा है तो कांग्रेस कह रही है कि वह चिंतन करने के लिए छुट्टी पर गये हैं। राहुल हमेशा अनमने तरीक़े से राजनीति करते रहे हैं। उन्होंने अब तक की राजनीति में जितने भी मुद्दे उठाये हैं उन्हें कभी मंजिल तक नहीं पहुंचाया। भट्टा पारसौल, कलावती और नियमगिरी के मुद्दे इसकी बानगी मात्र हैं।