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योग दिवस: राजपथ बना योगपथ, दो नए रिकॉर्ड

योग दिवस: राजपथ बना योगपथ, दो नए रिकॉर्ड

रविवार को दुनिया भर में मनाए गए पहले अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभाली। राजपथ पर करीब 36 हजार लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने एक साथ योग अभ्‍यास किया, जिससे यह कार्यक्रम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्डस में दर्ज हो गया है।
योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
विदेशी पत्रकारों का सामना करने को सुषमा कितनी तैयार

विदेशी पत्रकारों का सामना करने को सुषमा कितनी तैयार

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार न्यूयार्क के लिए रवाना हो गई जहां वह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लेंगी। लेकिन बहुत संभव है कि ललित मोदी की मदद को लेकर विदेशी पत्रकार उनसे सवाल कर सकते हैं क्योंकि एक विदेशी अखबार ‘संडे टाइम्स’ ने ही इस मामले को उजागर किया था। ऐसे किसी तीखे सवाल से देश की साख को बट्टा लग सकता है इसलिए हो सकता है कि विदेश मंत्री पूरी तैयारी के साथ न्यूयॉर्क जा रही हों।
शिवराज का खतरा टला विजयवर्गीय बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव

शिवराज का खतरा टला विजयवर्गीय बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में खाली पदों पर बुधवार को जारी सूची में सबसे चौकाने वाला नाम कैलाश विजयवर्गीय का था। विजयवर्गीय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ा खतरा बताए जा रहे थे। लेकिन विजयवर्गीय को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर पार्टी अब कुछ और जिम्मेदारी देने के मूड में हैँ।
भेदभाव नहीं करता योग: बान की-मून

भेदभाव नहीं करता योग: बान की-मून

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने इस बात पर जोर दिया है कि योग भेदभाव नहीं करता है। उन्होंने कहा कि जब अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने अपना पहला आसन करने की कोशिश की तो इससे उन्हें एक संतुष्टि की अनुभूति हुई।
योग दिवस: आेम नमो नरेंद्र

योग दिवस: आेम नमो नरेंद्र

अब योग किसी एक संस्कृति या धर्म का नहीं रहा। यह क्रिसमस की तरह है, जो भी इसे मनाना चाहें उन सब का है। आधुनिक दौर में हमारे सुस्त और गतिहीन जीवन से उबरने का सबसे बेहतर तरीका।
नीतीश के नाम पर आखिर क्यों मान गए लालू

नीतीश के नाम पर आखिर क्यों मान गए लालू

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार की घोषणा के बाद राजद नेताओं के बीच इस बात की खलबली मच गई कि अचानक यह सब कैसे हो गया। कल तक राजद प्रमुख लालू यादव इसके लिए असहमत थे लेकिन अचानक कैसे मान गए।
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