तमाम उतार-चढ़ाव और आशा-निराशा के बाद उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी :सपा: और कांग्रेस के बीच विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन के तमाम कयासों के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने कांग्रेस को कड़ा संदेश देते हुए आज अपने 191 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी और कहा कि इस पार्टी ने चुनावी तालमेल को लेकर अब तक कोई सकारात्मक बात नहीं की है और सपा उसे कुल 403 में से अधिकतम 85 सीटें ही दे सकती है।
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी उसके बाद बागियों ने संकट खड़ा कर दिया है। कई सीटों पर टिकट न मिलने से बागी उम्मीदवार खड़ा हो सकते हैं।
आगामी विधानसभा चुनावों के बाद बड़े बहुमत से गोवा में भाजपा के सत्ता बरकरार रखने को लेकर विश्वास जताते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि अगला मुख्यमंत्री या तो निर्वाचित विधायकों में से चुना जाएगा या केंद्र का कोई नेता यह पद संभालेगा।
बसपा नेता मायावती ने यूपी के लिए 100 और उम्मीदवारों की दूसरी सूची शुक्रवार को जारी की। इस सूची में लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, सीतापुर जैसी प्रमुख जगहों से उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। इस सूची में 27 एससी और 23 मुस्लिम शामिल हैं। गुरुवार को जारी सूची में 36 मुस्लिमों को टिकट दिया गया था। इस तरह बसपा अब तक 59 मुस्लिमों को टिकट दे चुकी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दलित-मुस्लिम-ब्रामण के समीकरण के बल पर अपनी नैया पार लगाने के प्रति आश्वस्त बहुजन समाज पार्टी :बसपा: ने गुरुवार को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करते हुए 100 उम्मीदवारों के नाम का एेलान कर दिया।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सपा दो फाड़ होने के नजदीक पहुंच गयी, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के लिये प्रत्याशियों की सूची जारी किये जाने के बाद अपनी तरफ से 235 उम्मीदवारों की एक समानान्तर फेहरिस्त जारी कर दी।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी :सपा: के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये 325 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी। इस फेहरिस्त में जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कई करीबी मंत्रियों के टिकट काट दिये गये हैं, वहीं कई एेसे नाम भी शामिल हैं जिन पर अखिलेश को एेतराज था। मुलायम सिंह ने सूबे में कांग्रेस के साथ गठबंधन की अटकलों को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सपा समूचे सूबे में अकेले चुनाव लड़ेगी।
करीब चार साल पहले दिल्ली में एक नारा गूंजा करता था कि न भ्रष्टाचार करेंगे न करने देंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का रामलीला मैदान गवाह बना। दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल ने उस आंदोलन को बाद में एक संगठित आवाज दी। दिल्ली में सरकार भी बनाई और अब गोवा में सरकार बनाने का सपना देख रहे हैं। लेकिन आप पार्टी का एक फैसला उनकी कथनी-करनी का भेद खोल रहा है।
उदारवादी रिपब्लिकन नेता मिट रोम्नी ने अपने घोर विरोधी और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आज मुलाकात की और दूरगामी महत्व के वैश्विक मामलों पर चर्चा की। इस बीच रोम्नी को अगला विदेश मंत्री बनाए जाने की खबरों का बाजार गरम है।