आर्ट हेरिटेज की कल यानी 24 फरवरी से दिल्ली के मंडी हाउस क्षेत्र स्थित त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरणी गैलरी में ‘दस चित्रकार’ (10 आर्टिस्ट) शीर्षक चित्रकला प्रदर्शनी शुरू हो रही है।
जाने-माने विधिवेत्ता सोली सोराबजी अपनी विधिक कुशाग्रता के लिए भले ही दुनियाभर में जाने जाते हों लेकिन आप उनसे कविता के बारे में बात करें और उनकी जुबां पर शेक्सपियर का नाम आ जाता है। साहित्य अकादेमी द्वारा पीपुल एंड बुक्स शीर्षक से आयोजित सत्र में भारत के पूर्व अटार्नी जनरल ने कहा कि अंग्रेजी के नाटककार विलियम शेक्सपियर की चतुर्दश पदी (साॅनेट) उनकी पसंदीदा कविताओं में शामिल है और शेक्सपियर से बेहतर कोई नहीं है।
इस वर्ष साहित्य अकादमी का प्रतिष्ठित पुरस्कार हिन्दी के लिए नासिरा शर्मा, उर्दू के लिए निज़ाम सिद्दीकी, अंग्रेजी के लिए जेरी पिंटो और संस्कृत के लिए सीतानाथ आचार्य शास्त्री सहित 24 भाषाओं के रचनाकारों को देने का आज ऐलान किया गया।
संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में पिछले नौ दशकों से ग्वालियर में आयोजित होते आ रहे तानसेन संगीत समारोह का विश्इव स्सतरीय पांच दिवसीय आयोजन इस साल यहां 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक किया जाएगा।
उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 4 नवंबर से पूर्वोत्तर उत्सव का आयोजन होगा। हर साल आयोजित होने वाला यह उत्सव इस बार भी भव्य होगा और इस दौरान दिल्ली के कॉलेजों एवं बैंडों के बीच रॉक संगीत की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
अरसे से बालू से तेल निकालने का मुहावरा अक्सर परिश्रम और तकनीक से असंभव को संभव करने वालों के लिए कहा-सुना, लिखा-पढ़ा जाता रहा है। करीब ढाई दशक पहले एक ऐसे कलाकार का उदय हुआ, जिसने बालू को लेकर नया मुहावरा गढ़ दिया। और अब बालू की बात आते ही बुद्धिजीवी, खास कर कला-प्रेमियों के मस्तिष्क में जो नाम कौंधता है वह है सात समंदर पार तक प्रख्यात रेत-कलाकार सुदर्शन पटनायक का।
भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर जारी बहस के बीच रिलायंस इंड्रस्टी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा कि पहले देश की बात होनी चाहिए न कि कला और संस्कृति की। अंबानी ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से एक बात को लेकर स्पष्ट हूं कि मेरे लिए देश पहले है। मैं एक बौद्धिक व्यक्ति नहीं हूं, एेसे में, मैं इन चीजों को नहीं समझता हूं लेकिन निसंदेह सभी भारतीयों की तरह मेरे लिए भारत सबसे पहले है।’’
सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग अब तक केवल 3,074 कर्मियों को ही जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध करा पाया है।