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मध्य पूर्व में बदलती अमेरिकी नीति

मध्य पूर्व में बदलती अमेरिकी नीति

क्या ईरान के मुद्दे पर अमेरिका और इस्राइल के दशकों पुराने संबंध फीके पड़ जाएंगे? क्या ईरान इन दोनों चिर मैत्री में बंधे देशों के बीच दरार डाल देगा? अगर इ्स्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के वर्तमान अमेरिका दौरे की घटनाओं को देखें तो आभास कुछ-कुछ ऐसा ही होता है।
भारत से प्रभावित है पाक की अफगान नीति: अमेरिकी जनरल

भारत से प्रभावित है पाक की अफगान नीति: अमेरिकी जनरल

अमेरिका के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति को बताया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है और इस तनाव से पाकिस्तान की अफगानिस्तान में रणनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
फग्यूर्सन मामले में पुलिस के नस्ली पूर्वाग्रह का पता चलता है

फग्यूर्सन मामले में पुलिस के नस्ली पूर्वाग्रह का पता चलता है

अमेरिकी न्याय विभाग जांच ने फग्यूर्सन, मिसौरी घटना को नस्ली पूर्वाग्रह से ग्रस्त पाया है। जांच में पाया गया है कि अधिकारी नियमित रूप से अत्यधिक बल का उपयोग करके, समन जारी कर और यातायात के दौरान रोक कर अश्वेतों के खिलाफ विभेदकारी नीति अपनाते हैं।
कड़े कदमों की आहट

कड़े कदमों की आहट

नरेंद्र मोदी ने विदेश नीति में बदलाव के संकेत देने से पहले विदेश मंत्रालय में बदलाव के संकेत पहले दे दिए। विदेश सचिव सुजाता सिंह को कार्यकाल खत्म होने से सात महीने पहले ही उन्हें अचानक उनके पद से हटाकर यह संकेत प्रधानमंत्री ने पूरी नौकरशाही को दिया। इसके बाद उन्होंने कहा, -नौकरशाही को अब समझना चाहिए कि रवैये में अंतर आया है, पहले संतुलन की बात होती थी, सक्रिय, अब तेजी से आगे बढ़ने वाली विदेश नीति अपनानी है।
नीति आयोग में ईरानी

नीति आयोग में ईरानी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को नीति आयोग में जगह क्या मिली दबे जुबान में विरोध के स्वर उठने लगे।
आखिर क्या करेगा नीति आयोग?

आखिर क्या करेगा नीति आयोग?

हर ओर से यही सवाल उठ रहे हैं कि यह आयोग आखिर करेगा क्या? इसके अधिकारों और काम-काज के दायरे को अब तक परिभाषित नहीं किया गया है और फिलहाल इसे सिर्फ थिंक टैंक के रूप में लिया जा रहा है।
खेलो सिर्फ देश की खातिर

खेलो सिर्फ देश की खातिर

नई सरकार के खेल मंत्रालय ने कुछ सख्त नीतियों की पहल की है। अगले आठ वर्षों के दौरान होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने कुछ रणनीतिक योजनाएं तैयार की है। खेल मंत्रालय ने उन सभी खिलाडिय़ों से आह्वान किया है कि अगर सरकारी अनुदान चाहिए तो उन्हें देश के लिए खेलना अनिवार्य होगा। सरकार के इस कदम का भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) ने भी समर्थन किया है।
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