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Search Result : "वसंत हो और हिंदी कविता के प्रेमी को वन न याद आएं"

पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने देश के बेहतरीन कव्वालों में से एक अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या कर दी। साबरी को रूह छू देने वाली सूफी गायिकी के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता था।
शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने महाराष्‍ट्र में शिवसेना की स्‍थापना की थी। उन्‍होंने उस वक्‍त वादा किया था कि दल का उद़देश्‍य 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति करना होगा। लेकिन शिवसेना की उधेड़बुन की राजनीति से यह आभास हो रहा है कि शिवसेना ने स्‍थापना के अपने स्‍लोगन को लगभग भुला दिया है। गठन के बाद से ही शिवसेना ने खुद को 100 फीसदी राजनीतिक पार्टी के तौर पर स्‍थापित किया है।
मोदी की मंत्रियों को दो टूक, विकास मुंहजबानी रखो याद, तभी जनता को बता पाओगे

मोदी की मंत्रियों को दो टूक, विकास मुंहजबानी रखो याद, तभी जनता को बता पाओगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को साफ निर्देश दिया है कि सरकार के पिछले दो साल के विकास कार्यों को मुंहजबानी याद रखो, तभी इसे आप जनता के सामने बेहतर ढंग से रख पाओगे। केन्द्र में मोदी सरकार के दो साल पूर्ण होने की पूर्व संध्या पर मंत्रिपरिषद की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सहयोगी मंत्रियों से सरकार द्वारा की गई पहल को जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए ध्यान केंद्रित करने को कहा।
मिस्र ने दिखाई हिम्‍मत, चार दिनों में 88 आतंकियों को मार शहीदों को किया याद

मिस्र ने दिखाई हिम्‍मत, चार दिनों में 88 आतंकियों को मार शहीदों को किया याद

मिस्र के अशांत उत्तरी सिनाई प्रांत में चलाए गए सैन्य अभियानों में पिछले चार दिनों में अब तक 88 आतंकी मारे जा चुके हैं। मिस्र की सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद समीर ने एक बयान में कहा कि ये छापेमारी प्रांत के शेख जवाएद और रफाह शहरों में आतंकियों को निशाना बनाकर की गई थी।
‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

फेसबुक और ट्विटर संवाद बनाने का जरिया है। मैंने अपने फेसबुक पर ऐसी सेटिंग्स की हुई थी कि मेरी वॉल पर कोई दूसरा कुछ लिख नहीं सकता था। बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि आप अपनी सेटिंग्स बदल दें ताकि हम आपसे संवाद में शामिल हो सकें। मैंने ऐसा कर दिया। कुछ समय पहले मैंने जेएनयू और जादवपुर यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर लगे फ्री सेक्स के आरोप पर एक लेख लिखा। मैंने लिखा- ‘लड़कियों को फ्री सेक्स की गाली क्यों दी जाती है, पुरुषों को क्यों नहीं? क्योंकि माना जाता है कि पुरुषों को फ्री सेक्स का हक है।’ पुरुषों के लिए फ्री सेक्स कॉम्लीमेंट जैसा है। सही मायने में राजनीतिक तौर पर बेबाक महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए उन्हें रं...या फ्री सेक्स करने वाली कहा जाता है। मेरा यह लेख काफी शेयर हुआ। मैंने इसे अपनी फेसबुक वॉल पर भी शेयर किया। मेरे इस लेख में किसी ने कमेंट किया कि ‘तेरी मां भी फ्री सेक्स करती होगी?, तेरा बाप कौन है तू जानती भी नहीं.. ’ मेरी मां ने इसका जवाब दिया- ‘हां, मैंने फ्री सेक्स किया है। फ्री नहीं किया तो वह बलात्कार होता। फ्री का मतलब सहमति से सेक्स करना है, किसी को बंधक बनाकर सेक्स करना बलात्कार होता है।’ इसी से गालियों का सिलसिला शुरू हो गया। मेरे पिता, पति, भाई, बहन, मां सभी को गालियां और मुझे बलात्कार की धमकी दी गई।
चर्चाः जश्न के साथ याद रहे जिम्मेदारी | आलोक मेहता

चर्चाः जश्न के साथ याद रहे जिम्मेदारी | आलोक मेहता

असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल में ऊंचे जयघोष के साथ पांच साल के लिए चुनी सरकार के जश्न हो रहे हैं। दिल्ली और विभिन्न राज्यों में दशहरा-दीवाली की तरह मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ के लिए जारी धूमधाम लगभग 10 दिन चलने वाले सफलता उत्सव का शोर है।
कांंग्रेस की हार और राजीव की याद, भावुक सोनिया ने बढ़ाया हौंसला

कांंग्रेस की हार और राजीव की याद, भावुक सोनिया ने बढ़ाया हौंसला

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 25 वीं पुण्‍यतिथि पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने एक बेहद भावुक भाषण दिया। लगातार पराजय का सामना रही देश की सबसे पुरानी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए यह भाषण एक नया संबल हो सकता है। उन्‍हें नई ऊर्जा के साथ आत्‍मविश्‍वास से उठने के लिए और मजबूती दे सकता है।
मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

हर व्यक्ति का अपना एक अतीत होता है। बल्कि कहना गलत न होगा कि हमारा वर्तमान हमारे अतीत की नींव पर टिका होता है। ऐसे में अगर हमारे भीतर से अतीत विस्मृत हो जाए तो हमारा पूरा वजूद डावांडोल होने लगता है। हम अपनी पहचान के संकट से आक्रांत हो उठते हैं। ऐसे में किसी संवेदनशील व्यक्ति का अपने अतीत की तहों में उतरकर स्मृतियों के रेशे तलाशना स्वाभाविक है।
मायावती का द्रविड़ पार्टियों पर हमला, कहा लालच में ना आएं मतदाता

मायावती का द्रविड़ पार्टियों पर हमला, कहा लालच में ना आएं मतदाता

बसपा सुप्रीमो मायावती ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अपने-अपने घोषणा पत्रों में मुफ्त उपहारों की पेशकश करने वाली द्रविड़ पार्टियों पर सीधे हमला बोला है। मायावती ने मतदाताओं से ऐसे प्रलोभनों में नहीं आने की अपील की और कहा कि वे (द्रविड़ पार्टियां) आपकी समस्याओं का समाधान नहीं करेंगी।
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