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Search Result : "वाइस चांसलर प्रो संगीता श्रीवास्तव"

धर्म और धुंध

धर्म और धुंध

संजीव श्रीवास्तव पेशे से टीवी पत्रकार हैं। उनकी एक पुस्तक - समय, सिनेमा और इतिहास भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित है। संजीव की कविताओं में धर्म, राजनीति और इस सबके बीच पिसती मनुष्यता का ऐसा विवरण है जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है।
काले धन पर वही ढाक के तीन पात

काले धन पर वही ढाक के तीन पात

स्विट्जरलैंड में आधिकारिक तौर पर ताजा सार्वजनिक किए गए बीसियों विदेशी स्विस बैंक खाता धारकों में मात्र पांच भारतीय खाताधारकों के होने से एक बार फिर साफ हो चला है कि विदशों में अवैध धन जमा कराने वाले भारतीयों के मामले में दिखावटी शोर ज्यादा और वास्तविक कार्रवाई कम हो रही है।
घोटालों की सरकार है सपा सरकार: भाजपा

घोटालों की सरकार है सपा सरकार: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को घोटालों की सरकार करार देते हुए बुधवार को कहा कि नया घोटाला बिजली उपभोक्ताओं से निर्धारित दर से अधिक वसूली के रूप में सामने आया है।
क्‍यों संभव नहीं है भूकंप की भविष्‍यवाणी

क्‍यों संभव नहीं है भूकंप की भविष्‍यवाणी

भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन आंतरिक प्रक्रियाओं से पृथ्‍वी का निर्माण हुआ है, वहीं भूकंप का कारण हैं। भूकंप सदियों से आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। इसकी भविष्‍यवाणी संभव नहीं है। हमें भूकंप के साथ जीना सीखना होगा।
बागी आपः स्वराज अभियान के मुखिया प्रो.आनंद कुमार

बागी आपः स्वराज अभियान के मुखिया प्रो.आनंद कुमार

आम आदमी पार्टी के बागी गुट ने स्वराज संवाद की घोषणा के बाद अपनी रणनीति का खुलासा किया। स्वराज संवाद अभियान शुरू करने के बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पहली दफा मीडिया से रूबरू हुए।
नई दिल्ली में पानी-बिजली पर सब्सिडी

नई दिल्ली में पानी-बिजली पर सब्सिडी

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के तहत आने वाले इलाकों में शनिवार से पानी और बिजली रियायती दर पर मिलेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए प्रस्ताव पारित किया था। केजरीवाल ने शुक्रवार को एनडीएमसी के सदस्य के तौर पर शपथ ली थी।
अमर्त्य सेन को चांसलर नहीं बनाना चाहती सरकार

अमर्त्य सेन को चांसलर नहीं बनाना चाहती सरकार

नोबल पुरस्कार विजेता और नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति अमर्त्य सेन ने गहरी पीड़ा से लिखे पत्र में इस बात का खुलासा किया है कि केंद्र सरकार उन्हें इस विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर दूसरी पारी नहीं देने की इच्छुक है। इस पत्र के बाद से आकादमिक जगत में बढ़ती राजनीतिक दखलंदाजी पर तीखी चर्चा शुरू हो गई है।