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Search Result : "विश्व हिंदी सम्मेलन"

हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।
मेरे शौचालय हैं कहां, कोई तो बताए ?

मेरे शौचालय हैं कहां, कोई तो बताए ?

देश भर में जोर-शोर से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के बीच मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के बाढ़ गांव के 45 परिवार सरकार से पूछ रहे हैं कि मेरे शौचालय कहां है? निर्मल भारत अभियान के वेबसाइट पर उनके घरों में शौचालय बन चुके हैं, पर वे सभी आज भी खुले में शौच जाने के मजबूर हैं। उनके घरों में शौचालय ही नहीं है। वे अपने गायब शौचालय के लिए लगातार आवेदन दे रहे हैं, पर उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है।
लोकसभा में हनुमान पर हंगामा

लोकसभा में हनुमान पर हंगामा

लोकसभा में आज विश्व हिन्दू परिषद् के उस बयान पर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया जिसमें सवाल किया गया है कि क्या वेटिकन में हनुमान मंदिर बनाया जा सकता है। कांग्रेस के सदस्य इस विषय पर कार्य स्थगित कर चर्चा कराने मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हालांकि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से इसे शून्य काल में उठाने को कहा।
विश्व कपः किसे  खिताब दिलाने को है दुनिया बेताब

विश्व कपः किसे खिताब दिलाने को है दुनिया बेताब

भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांज्लादेश के आखिरी दौर तक प्रतियोगिता में बने रहने से बढ़ा क्रिकेट का रोमांच। क्रिकेट पंडित तो यहां तक मानने लगे हैं कि विश्व कप एक बार फिर दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ही और विशेषकर भारत में ही रह जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि दक्षिण एशियाई देशों को विश्व कप में बनाए रखने की कहीं यह सोची-समझी रणनीति तो नहीं है? बहुत हद तक इस बात की पुष्टि सिडॉन पार्क के क्यूरेटर कार्ल जॉनसन ने यह कहकर कर दी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की खास हिदायत पर विश्व कप में सपाट पिचें बनाई जा रही हैं।
जनआंदोलनों ने बनाया नया फोरम

जनआंदोलनों ने बनाया नया फोरम

देशभर के आंदोलनकारी संगठनों ने मिलकर एक नया फोरम बनाया है। फोरम का नाम ऑल इंडिया पीपल्स फोरम (एआइपीएफ) रखा गया है। इस फोरम का मुख्य मकसद साम्प्रदायिकता और कॉरपोरेट समर्थक सरकारी नीतियों का विरोध करना है।
विश्व कपः अंतिम चार में भारत और न्यूजीलैंड की दावेदारी मजबूत

विश्व कपः अंतिम चार में भारत और न्यूजीलैंड की दावेदारी मजबूत

विश्व कप के लीग मैचों का खत्म हो चुका है और नॉकआउट दौर में पहुंची सुपर-आठ टीमों पर अटकलबाजी तेज हो गई है। फाइनल में अब भारत और न्यूजीलैंड की सीधी टक्कर होने के भी कयास लगाए जाने लगे हैं।
विश्व कपः छक्के के साथ जीत का छक्का

विश्व कपः छक्के के साथ जीत का छक्का

अपने पूल के अंतिम मैच में जिंबाब्वे को छह विकेट से शिकस्त देते हुए भारत ने न सिर्फ अपना सर्वोच्च मुकाम बरकरार रखा बल्कि विश्व कप में लगातार दसवीं जीत का भी विजय अभियान जारी रखा हुआ है। जीत का छक्का कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बल्ले से ही निकला।
मोदी को विदेश में याद आया हिंदी साहित्य

मोदी को विदेश में याद आया हिंदी साहित्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाने में योगदान के लिए आज मॉरीशस की सराहना की और कहा कि इस भाषा ने विश्व में एक विशेष स्थान हासिल कर लिया है।
साहित्य सम्मेलन क्यों हों

साहित्य सम्मेलन क्यों हों

सन 2014 का ज्ञानपीठ पुरस्कार मराठी लेखक भालचंद्र नेमाड़े को दिया जाएगा। नेमाड़े अपने उपन्यास हिंदू – जगण्याची अड़गळ के लिए जाने जाते हैं। मराठी भाषा में अड़गळ का अर्थ होता है ऐसा कबाड़ जो संभाल कर रखा जाता है। ऐसे कबाड़ को प‌रिभाषित करने वाले नेमाड़े बहुत बेबाकी से बोलते हैं।
हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

विनोद मेहता की कई बातें जो उन्हें अन्य संपादकों से अलग करती थीं, उनमें सबसे बड़ी यह है कि वे लोकतंत्र में सिर्फ यकीन ही नहीं करते थे, उसे पत्रकारिता में भी पूरी तरह अपनाया हुआ था। संपादक के नाम पत्र कॉलम में अपने खिलाफ लिखी चिट्ठियों को भी वे जिस तरह तवज्जो देते थे, उसकी मिसाल शायद ही अन्यत्र मिले।
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