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Search Result : "शायद यह अंतहीन"

सत्यार्थी के नोबेल प्रशस्ति पत्र को शायद फाड़कर फेंक दिया होगा :पुलिस

सत्यार्थी के नोबेल प्रशस्ति पत्र को शायद फाड़कर फेंक दिया होगा :पुलिस

बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के घर से नोबेल प्रशस्ति पत्र चोरी होने के करीब एक महीने बाद पुलिस को संदेह है कि आरोपी ने इसे सिर्फ कागज का एक टुकड़ा समझकर फाड़कर फेंक दिया होगा।
अमेरिका का मदद से इनकार, पाक को शायद ही मिले एफ-16 विमान

अमेरिका का मदद से इनकार, पाक को शायद ही मिले एफ-16 विमान

अमेरिका से आठ एफ-16 लड़ाकू विमान प्राप्त करने के पाकिस्तान के प्रयासों को तगड़ा झटका लगा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस सौदे के लिए अमेरिकी करदाताओं के धन का उपयोग कर पाक को आर्थिक मदद करने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी है।
अब शायद हम वही फैसले करें जो लागू कर सकेंगेः जेटली

अब शायद हम वही फैसले करें जो लागू कर सकेंगेः जेटली

राज्यसभा को विपक्ष द्वारा लगातार बाधित करने से नाराज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि आने वाले दिना में सरकार शायद सिर्फ वही फैसले कर जो वह कार्यपालक आदेश द्वारा लागू कर सकती है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया‌ कि राज्यसभा को बाधित कर वह भविष्य में विपक्ष के लिए राह तैयार कर रही है और एक गलत मिसाल कायम कर रही है।
कैलिफोर्निया में गोलियां बरसाने वाली महिला शायद भारत भी आई थी

कैलिफोर्निया में गोलियां बरसाने वाली महिला शायद भारत भी आई थी

कैलिफोर्निया में की गई गोलीबारी की संदिग्ध पाकिस्तानी महिला ने अपने पति के साथ अमेरिका आने से एक साल पहले, वर्ष 2013 में एक बार शायद भारत की यात्रा की थी।
अंतहीन छटपटाहटों का कवि

अंतहीन छटपटाहटों का कवि

अनिल कार्की विकल, विकट और अंतहीन छटपटाहटों का कवि है। ये मनुष्यि से आगे एक विचारवान मनुष्या होने की छटपटाहटें हैं, जो उसे समय में आगे-पीछे ले जाती रहती हैं। अनिल के पास विचार है और उसे वह दिमाग के किसी कोने में पस्त नहीं पड़े रहने देता।
कहानी - आंटी

कहानी - आंटी

दिनेश पाठक चर्चित कथाकार हैं। सभी शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। कुछ कहानियों का अन्य भाषा में अनुवाद भी हुआ है। अब तक उनके नौ कथा संग्रह, दो उपन्यास और एक संपादित पुस्तक प्रकाशित हुई है। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में - शायद यह अंतहीन, धुंध भरा आकाश, जो गलत है, इन दिनों वे उदास हैं, रात के बाद, अपने ही लोग, पारुल दी, नस्ल और देखना एक दिन शामिल है।
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