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Search Result : "श्री कृष्ण जन्मभूमि"

इंदिरा जैसा हो सकता है मोदी सरकार का हाल: यशवंत सिन्‍हा

इंदिरा जैसा हो सकता है मोदी सरकार का हाल: यशवंत सिन्‍हा

वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार में कोई संवाद नहीं हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस सरकार का हाल इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की उस सरकार की तरह हो सकता है जिसे आपातकाल के बाद मुंह की खानी पड़ी थी।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

यह लेखिका की पहली किताब है और इस किताब से पहले इसका शीर्षक पास खींचता है। यह भले ही पहली किताब हो लेकिन कहीं कोई कच्चापन नहीं है। अनुभव के की आंच पर पकी यह पुस्तक पठनीय है।
बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

सिटीजंस फोरम फॉर सिविल लिबर्टीज के सदस्य गोपाल कृष्ण ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखा है। यह पत्र बायोमेट्रिक आधार संख्या के संदर्भ में निजता के अधिकार पर दायर याचिका के संबंध में संविधान पीठ बनाए जाने के न्यायालय के आदेश पर है। न्यायालय के आदेश के बावजूद इस संवैधानिक पीठ का गठन अभी तक नहीं किया गया है। गोपाल कृष्ण का कहना है कि मुख्य न्यायधीश ने स्वंय कहा था कि यह मामला जरूरी है।
धीरूभाई अंबानी, रजनीकांत, अनुपम खेर को पद्म सम्मान

धीरूभाई अंबानी, रजनीकांत, अनुपम खेर को पद्म सम्मान

देश की विभिन्न हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा हो गई है। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत, रिलायंस समूह के संस्थापक दिवंगत धीरूभाई अंबानी, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और मीडिया कारोबारी रामोजी राव को देश के दूसरे सबसे उंचे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुना गया है।
कृष्ण भक्ति का रंग कथक से संग

कृष्ण भक्ति का रंग कथक से संग

कृष्ण और राधा के मिलन, विरह, प्रेम और उपासना को मशहूर कथक नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने कथक के जरिये खूबसूरती से पेश किया। इस प्रस्तुती की खास बात यह थी कि यह नृत्य सूफी कवियों की रचनाओं पर किया गया।
मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

हिंदी के अनेक दुर्लभ ग्रंथ, पुरानी पुस्तकों की प्रति, पत्रिकाओं की पुरानी फाइलें अब उपलब्‍ध नहीं हैं। इस कारण देश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य प्रामाणिक ढंग से नहीं हो पाते और साहित्य में ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर गड़बड़ियां बनी रहती हैं। इस कमी को देखते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने सन 1933 में प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को दोबारा प्रकाशित कर अच्छा काम किया है। लेकिन जिस तरह हड़बड़ी और असावधानी में यह ग्रंथ प्रकाशित किया गया है उसे लेकर चिंता होती है।
बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

लखनऊ के फोटो जर्नलिस्‍ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्‍ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्‍बे की भी खूब तारीफ हो रही है।
कहानी: श्री कृष्ण उवाच

कहानी: श्री कृष्ण उवाच

दक्षिणेश्वर (कोलकाता) में जन्म। कोलकाता से बी. कॉम. एडवांस एकाउन्ट्स में प्रथम श्रेणी में आनर्स। रांची से एल.एल.बी। मुख्य धारा की सभी पत्रिकाओं में लगभग तीस कहानियां प्रकाशित। बीज नाम से एक कथा संग्रह। वर्तमान साहित्य का कृष्ण प्रताप स्मृति सम्मान। फिलवक्त आसनसोल, पश्चिम बंगाल में निवास और स्वतंत्र लेखन।
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