यूपी में मुलायम सिंह यादव गुट को पटखनी देने के लिए अखिलेश यादव हर दांव अपनाने को तैयार है। अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन की रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं। राहुल गांधी ने भी उत्तर प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद को गठबंधन के लिए बातचीत करने के लिए कह दिया है।
यूपी चुनाव के पहले दौर की वोटिंग में अब एक महीने का भी समय नहीं रह गया है लेकिन राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के नेता अभी अपने चुनाव चिन्ह पर कब्जे की जंग में ही जुटे हैं। चुनाव आयोग के सामने पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खेमों की ओर से 'साइकिल' पर दावे किए गए। निर्वाचन आयोग ने हालांकि अपना फैसला सुरक्षित रखा है लेकिन साइकिल को लेकर बस तीन संभावनाएं बन रही हैं।
समाजवादी पार्टी में मची अंदरुनी कलह से पार्टी के कई नेता दूसरे दलों में जाने का मूड बनाने लगे हैं। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले अशोक प्रधान के बाद कई और नाम जुड़ने की संभावना बताई जा रही है।
मुलायम और अखिलेश यादव के खेमे ने सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग के पास दलीलें पेश की। हालांकि, आयोग ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन का समय नजदीक आने के साथ राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने मंत्रियों और विधायकों से कहा कि वे टिकट की चिंता नहीं करें। उन्होंने अपने निकट सहयोगियों के साथ चुनावी रणनीति तैयार की।
भाजपा ने पंजाब में 17 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की आज घोषणा की लेकिन उसने उन छह अन्य सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की, जहां मौजूदा विधायक पार्टी से ही हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि उनमें से कुछ का नाम इस बार सूची में शामिल नहीं किए जाने की संभावना है।
समाजवादी पार्टी में दो फाड़ के बाद एकजुटता के प्रयासों की कड़ी में मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि वह पार्टी को एकजुट रखना चाहते हैं और इसे टूटने नहीं देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह साइकिल को रखना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश के समाजवादी परिवार में जारी दंगल में सोमवार को दिखी मुलायमियत के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग में अपने मुकाबिल खड़े अपने पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करके आपसी सुलह-बातचीत के संकेत दिये।