Advertisement

Search Result : "समीक्षा भटनागर"

समीक्षा - नीरजा होने का मतलब

समीक्षा - नीरजा होने का मतलब

सोशल मीडिया, अखबारों और पत्रिकाओं में नीरजा के बहादुरी के किस्से आ जाने से यह बात फिर दोहराना जरूरी नहीं है कि उस दिन पैन एम की फ्लाइट में क्या हुआ था। जरूरी है कि इस फिल्म ने नीरजा के साथ न्याय किया है या नहीं।
फिल्म समीक्षा : फितूर

फिल्म समीक्षा : फितूर

निर्देशक अभिषेक कपूर ने फितूर को बड़े विश्वास के साथ बनाया है। चार्ल्स डिकंस के ग्रेट एक्सपेक्टेशंस के लंदन को कश्मीर की पृष्ठभूमि में पिरोना और फिर उसे बॉलीवुड की यादगार प्रेम कहानी के रूप में प्रस्तुत करने का काम उन्होंने बखूबी किया है।
क्या एससी-एसटी को सिविल सेवा परीक्षा में मिली छूट जारी रखनी चाहिए: पैनल

क्या एससी-एसटी को सिविल सेवा परीक्षा में मिली छूट जारी रखनी चाहिए: पैनल

सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े मुद्दों की समीक्षा के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति ने लोगों से पूछा है कि क्या अनूसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवारों को उम्र सीमा में मिली छूट और परीक्षा में बैठने के अधिक मौकौं को बरकरार रखा जाए?
समीक्षा - चॉक एन डस्टर

समीक्षा - चॉक एन डस्टर

रंजीव वर्मा और नीतू वर्मा ने स्कूल और इससे जुड़ी समस्याओं को बेहतर ढंग से रखा है और सोचने पर मजबूर किया। निर्देशक जयंत गिलेतर की यह कोशिश कामयाब ही कही जाएगी।
फिल्म समीक्षा – वजीर

फिल्म समीक्षा – वजीर

शोले का ठाकुर अपना बदला लेने के लिए जय-वीरू नाम के दो बदमाशों को खोजता है। वजीर का ओमकार नाथ धर अपना बदला लेने के लिए पुलिस का ही एक स्पेंड अधिकारी खोज लेता है।
पीएम ने किया पठानकोट का दौरा, कार्रवाई पर जताया संतोष

पीएम ने किया पठानकोट का दौरा, कार्रवाई पर जताया संतोष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते आतंकवादी हमले का शिकार हुए पठानकोट वायुसैनिक अड्डे का आज दौरा कर वहां के हालात की समीक्षा की। संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले पर सुरक्षा बलों की ओर से किए गए पलटवार पर प्रधानमंत्री ने संतोष जताया।
समीक्षा - बाजीराव मस्तानी

समीक्षा - बाजीराव मस्तानी

बाजीराव मस्तानी के बारे में संजय लीला भंसाली ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था, यह मेरी फिल्म नहीं, तपस्या है। फिल्म के भव्य सेट्स, कॉस्ट्यूम पर की गई मेहनत, युद्ध के दृश्य दिखाने के लिए किए गए इस्तेमाल किए गए एरियल शॉट्स और कलाकारों का सही चयन। वाकई यह दिखाता है कि भंसाली ब्लैक, देवदास, गोलियों की रासलीला रामलीला से कहीं आगे निकल आए हैं।
समीक्षा - दिलवाले

समीक्षा - दिलवाले

दिलवाले सच में दिलवालों की फिल्म है। इतना झेलने के लिए बड़ा दिल चाहिए। काली बनाम राज (शाहरूख खान) और राज बनाम काली के बीच चलती इस फिल्म में मीरा (काजोल), वीर (वरुण धवन) और इशिता (श्रुति सेनन) हैं। गोवा में फिल्म शुरू होकर बुल्गारिया में फ्लैश बैक में पहुंच जाती है। फिर गोवा और हैप्पी एंडिंग।
समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

आरक्षण प्रणाली की समीक्षा के अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जब तक सामाजिक भेदभाव है तब तक देश में आरक्षण जारी रहना चाहिए और संघ इसे खत्म किए जाने के पक्ष में नहीं है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement