कोहली ने ईडन गार्डन्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले कहा, हमने इस पर चर्चा की थी। निश्चित रूप से हम भविष्य में इसे शामिल करना चाहेंगे। हम कड़ा फैसला नहीं करेंगे क्योंकि हमने ही पहले कहा था कि हम डीआरएस का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बीसीसीआई हमेशा ही डीआरएस पर क्रिकेट की पूरी दुनिया के खिलाफ रहा है और दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड हमेशा अपने शुरूआती पक्ष के साथ अडिग रहा है कि वह इस तकनीक का विरोध जारी रखेगा क्योंकि यह फूलप्रूफ नहीं है।
बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने हालांकि पिछले महीने कहा था कि वह हॉक आई के बिना डीआरएस को स्वीकार कर सकते हैं। जब उनसे हाल में संदेहास्पद फैसलों के बारे में पूछा गया जो डीआरएस की अनुपस्थिति में भारत के खिलाफ गये तो कोहली ने कहा, उन चीजों के बारे में मैं यहां बैठकर हां या नहीं कह सकता हूं। हमने चर्चा की थी। हमने इस बारे में बैठकें की थी। ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जिनके बारे में बहस की जा सकती है, विशेषकर गेंद की दिशा ज्ञात करना और हॉक आई पर। इस पर चर्चा या बहस हो सकती है।
कोहली ने कहा, हमारे लिये कहना कि अंपायरों ने गलती की और यह हमारे खिलाफ गये, तार्किक नहीं है। बहाने बनाने की कोई जगह नहीं है। एक बार यह (डीआरएस) शुरू हो जाये और चलने लगे तो हम इसकी कमियों के बारे में सोच सकते हैं। उन्होंने कहा, हमें निश्चित रूप से इसके बारे में सोचने की जरूरत है। लेकिन मैं यहां बैठकर फैसला नहीं ले सकता हूं। कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने रविंद्र जडेजा की वाइड गेंद को खेलने की कोशिश में इस पर हल्का सा बल्ला लगा दिया जो विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के पास पहुंचा लेकिन अंपायर ने बल्ले के गेंद को छूने की आवाज नहीं सुनी और उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। भारत की चिंताओं में कोहली की हालिया फार्म में चिंता है लेकिन कप्तान ने कहा, मुझे नहीं लगता कि फार्म भी कोई चीज होती है। यह सिर्फ उस दिन आप कैसा महसूस करते हो, यही होता है। आप मानसिक रूप से कितने अच्छे हो। यह हमारे दिमाग में होता है, कि आप रन बनाते हो या नहीं। आपको स्वीकार करना होता है कि आप हर बार रन नहीं बना सकते। कड़ी मेहनत करना हमारे हाथों में है और हम अभ्यास सत्र में ऐसा करना जारी रखते हैं। उन्होंने कहा, मैं इन चीजों के बारे में सच में नहीं सोचता जैसे कि मेरी फार्म। क्रिकेट में हर बार परिणाम आपके हाथ में नहीं होते। आपके पास बल्लेबाजी के लिये बस एक ही मौका होता है। आम तौर पर क्रिकेट मौके लेने का खेल है। लेकिन तैयारी मेरे हाथ में है और मैं अभ्यास में इसे शत-प्रतिशत करने की कोशिश करता हूं।
भाषा