चकाचौंध से दूर सादगी से जीवन बिताने की इच्छा रखने वाले असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का काफिला सडक़ से कब गुजर जाता है, किसी को पता नहीं चलता। उग्रवाद प्रभावित राज्य होने के बावजूद मुख्यमंत्री के लिए न तो सडक़ खाली कराई जाती है और न सायरन बजता है। वे यह कहते हुए प्रचार से बचते हैं कि उनका काम ही उनका प्रचार है। वे टीवी चैनलों को साक्षात्कार भी नहीं देते। आउटलुक हिंदी के लिए रविशंकर रवि से बड़ी मुश्किल से बातचीत के लिए तैयार हुए और यह पूरी बातचीत हिंदी में ही हुई। पेश हैं मुख्य अंश:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने शनिवार को असम के कोकराझार पहुंच कर उस स्थान की गहन जांच की जहां शुक्रवार को आतंकवादी हमला हुआ था। जांच एजेंसी ने घटनास्थल पर प्रत्यक्षदर्शियों से भी बातचीत की।
असम में बोडोलैंड के केंद्र कोकराझार में शुक्रवार को आतंकवादी हमले में 14 लोगों की मौत हो गई। काले कपड़ेे पहने हमलावरों ने बाजार में जमकर फायरिंग और गोलाबारी की। हमले में 20 लोग घायल हुए हैं। हादसे में मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
अपर असम के ताकतवर ‘अहोम’ समुदाय की नाराजगी की हल्की सी झलक पाकर भाजपा नेतृत्व ने तेजी से क्राइसिस मैनेजमेंट किया और एक साथ सोशल इंजीनियरिंग के कई निशाने साधे। नगांव के सांसद राजेन गोहाईं केंद्र में मंत्री बनाने की रेस में नहीं थे। लेकिन असम में एम्स बनने के मुद्दे पर नगांव के लोगों, खासकर ‘अहोम’ समुदाय की नाराजगी सामने आने के बाद चार बार से सांसद चुने जा रहे गोहाईं का नाम असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने आगे बढ़ाया।
नरेंद्र मोदी सरकार में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडलीय फेरबदल की तैयारी हो चुकी है। 20 से 22 जून के बीच यह फेरबदल हो सकता है। सरकार ने राष्ट्रपति भवन से यह जानकारी मांगी है कि 19 से 23 जून के बीच राष्ट्रपति की उपलब्धता की क्या स्थिति है। इसके कारण मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावनाएं बढ़ गई हैं।