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Search Result : "सांस्कृतिक मेल-मिलाप"

सबसे बड़े सांस्कृतिक, आध्यात्मिक सम्मेलन के पीछे का सच

सबसे बड़े सांस्कृतिक, आध्यात्मिक सम्मेलन के पीछे का सच

ढोल, मृदंग, वीणा, हारमोनियम, तबला, बांसुरी सहित करीब चालीस से अधिक वाद्य यंत्रों की एक साथ गूंज के साथ नृत्य, शांति, ध्यान और अन्य कलाओं की प्रस्तुति पूरी दुनिया के लिए एक आकर्षण होगी। इस आकर्षण का हिस्सा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश दुनिया की जानी-मानी हस्तियां भी होगी। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की संस्था 'द आर्ट ऑफ लिविंग’ की ओर से आयोजित होने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक, सांस्कृतिक सम्मेलन में 155 से अधिक देशों के कलाकार भी भाग ले रहे हैं। भारत में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सम्मेलनों का आयोजन तो समय-समय पर होता रहा है लेकिन अपने तरह के अनूठे कार्यक्रम के आयोजन पर लोगों की खास नजर भी है। क्योंकि भारत में आध्यात्मिक आयोजन के पीछे कोई न कोई राजनीतिक मंशा भी छिपी रहती है। हाल ही में श्रीश्री रविशंकर को पद्म विभूषण सम्मान से सरकार ने सम्मानित भी किया। हालांकि इससे पहले श्रीश्री ने यह पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया था।
वाराणसी में गंगा आरती में शामिल हुए मोदी और जापानी पीएम आबे

वाराणसी में गंगा आरती में शामिल हुए मोदी और जापानी पीएम आबे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर भव्य गंगा आरती में हिस्सा लेकर दोनों देशों के बीच के पारंपरिक सांस्कृतिक संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा। दोनों नेताओं ने दिल्ली में अपनी शिखर वार्ता के बाद वाराणसी की यात्रा की। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है।
सांस्कृतिक धरोहर कुमाऊनी रामलीला

सांस्कृतिक धरोहर कुमाऊनी रामलीला

गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की थी। परंतु उसके लगभग दो सौ साल बाद कुमाऊं में अल्मोड़ा के पंडित देवीदत्त जोशी ने ब्रजभाषा में श्री रामलीला नाटक लिख कर एक अनूठा प्रयोग किया। पूरी तरह गेयशैली में लिखे गए इस नाटक में उन्होंने अनेक स्वरचित गीत डाले।
अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया

अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया

देश में लगातार बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल के बाद हिंदी के जाने-माने साहित्‍यकार अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। इससे पहले उदय प्रकाश भी कन्‍नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्‍या के विरोध में यह पुरस्‍कार लौटा चुके हैं।
पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

कोलकाता की आलीशान और यूरोपीय बंगाली वास्तुशिल्प की बेजोड़ मिसाल बन चुके पुराने आलीशान मकानों को अंधाधुंध तरीके से ढहाने से बचाने के लिए नए कानून और उपायों की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रख्यात अंग्रेजी लेखक अमित चौधरी का कहना है कि ये महानगर की पहचान हैं और एक समृद्ध संस्कृति को अपने में समेटे हुए हैं। ब्रिटिश काउंसिल और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजलिया द्वारा आयोजित एक परिचर्चा से इतर 2002 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता चौधरी ने कहा कि कोलकाता की बहुत सी ऐसी इमारतें समृद्ध वास्तुकला का अद्भुत नमूना हैं।
सात समंदर पार कविताओं का संसार

सात समंदर पार कविताओं का संसार

कनाडा हिंदू सोसाइटी, मोर्रिस्विल्ले के सांस्कृतिक भवन के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति और हिंदी विकास मंडल के तत्त्वाधान में कवि- सम्मलेन का आयोजन हुआ। कवि सम्मलेन में बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित हुए।
दिल्ली में पूर्वोत्तर का नृत्य-संगीत

दिल्ली में पूर्वोत्तर का नृत्य-संगीत

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि पूर्वोत्तर भारत के राज्य देश के खास हिस्से हैं। अपनी छोटी आबादी के बावजूद इन राज्यों का देश में काफी बड़ा योगदान है। इस क्षेत्र के लोगों ने आजादी की लड़ाई में सक्रिय हिस्सेदारी की थी।
सांस्कृतिक आतंकवाद फैला रही है मोदी सरकार: भाकपा

सांस्कृतिक आतंकवाद फैला रही है मोदी सरकार: भाकपा

भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी यानी भाकपा ने मोदी सरकार पर अल्पसंख्यकों को आतंकित करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने सरकार पर देश को धार्मिक आधार पर बांटने और सांस्कृतिक आतंकवाद फैलाने का भी आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सांप्रदायिक नीतियों का विरोध करेगी।
सांस्कृतिक दूत होते हैं कलाकार-सेन

सांस्कृतिक दूत होते हैं कलाकार-सेन

भारत सरकार की ओर से नाटककार, गायक, संगीतकार और अभिनेता शेखर सेन को इस वर्ष पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। हाल ही में, उन्हें संगीत नाटक अकादेमी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके पास अकादमी के लिए कई योजनाएं हैं। प्रबंधन के अलावा उनके प्रशंसक उन्हें 'कबीर’ के तौर पर जानते हैं। कबीर उनकी एकल नाट्य प्रस्तुति है, जो दर्शकों के बीच खासी लोकप्रिय है।
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