Advertisement

Search Result : "सांस्कृतिक मेल-मिलाप"

सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी ज्यादा ताकतवर है: कृष्णा

सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी ज्यादा ताकतवर है: कृष्णा

रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
जेएनयू में योग और सांस्कृतिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव फिर हुआ खारिज

जेएनयू में योग और सांस्कृतिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव फिर हुआ खारिज

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शीर्ष निर्णायक निकाय अकादमिक काउंसिल ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति और योग में अल्पकालिक पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिया था। बताया जा रहा है कि आरएसएस और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों के दबाव में इन विषयों में पाठ्टक्रम शुरू रने का प्रसताव तैयार किया गया है।
सीमा पर लगी बाड़ों के पार भी है संगीत में अकूत ताकत: सलमान अहमद

सीमा पर लगी बाड़ों के पार भी है संगीत में अकूत ताकत: सलमान अहमद

सूफी रॉक बैंड जुनून से 1990 के दशक में मशहूर हुए पाकिस्तानी गायक-गिटार वादक सलमान अहमद का कहना है कि सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ों के पार भी संगीत में अकूत ताकत है और कोई बाधा इसे रोक नहीं सकती है। 90 दशक में पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु संलयन के बजाय सांस्कृतिक मेल-मिलाप की वकालत करने के लिए इस पाकिस्तानी गायक पर गद्दार का ठप्पा लगा था।
डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

पुरानी दिल्ली की हर एक गली अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। जब इन गलियों से हम गुजरते हैं तो कहीं से जायकों की खुशबू आती है तो कहीं हाथों की बेहतरीन कारीगरी का नमूना आंखों में बस सा जाता है। कभी शाहजहांबाद के नाम से मशहूर इस शहर की इसी सांस्कृतिक विरासत को समझने और नई पीढ़ी को उससे रूबरू कराने के मकसद से इंडिया सिटी वाक्स ने बुधवार को डेल्ही वाक्स का आयोजन किया।
भारत-ईरान सांस्कृतिक संबंधों को मिलेगी मजबूती

भारत-ईरान सांस्कृतिक संबंधों को मिलेगी मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल तेहरान के लिए रवाना होंगे। उनकी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देकर सदियों पुरानी दोस्ती में नई जान फूंकने के लिए भारत और ईरान ने संयुक्त रूप से कई कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई है।
लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर पाकिस्तानी विश्वविद्यालय ने लगाई रोक

लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर पाकिस्तानी विश्वविद्यालय ने लगाई रोक

पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय ने परिसर में लड़के-लड़कियों के जोड़े में बैठने को इस्लामी परंपराओं के विरूद्ध करार देते हुए ऐसा करने पर रोक लगा दी है।
पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिवस पर गूगल ने बनाया डूडल

पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिवस पर गूगल ने बनाया डूडल

जानेमाने सितारवादक पंडित रवि शंकर के 96वें जन्मदिन पर उनके सम्मान में सर्च इंजन गूगल ने डूडल बनाया है। उनके सम्मान में बनाए गए इस डूडल के केंद्र में सितार है।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सवः प्रधानमंत्री ने की कार्यक्रम की तारीफ

विश्व सांस्कृतिक महोत्सवः प्रधानमंत्री ने की कार्यक्रम की तारीफ

श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा आयोजित विश्व सांस्कृतिक महोत्सव की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सराहना की। यमुना के तट पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत के पहले दिन बारिस के बावजूद कार्यक्रम सराहनीय रहा।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
श्री श्री के संस्कृति महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

श्री श्री के संस्कृति महोत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव के आयोजन को लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते कुछ विवाद उत्पन्न होने के बाद अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement