अपना साहित्य पुरस्कार वापस लेने से इंकार कर चुकी जानी-मानी लेखिका नयनतारा सहगल ने आज साहित्य अकादमी को एक पत्र लिखकर कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ उनका विरोध जारी है।
हर साल सुर्खियों में रहने वाले जयपुर साहित्य उत्सव का आगाज इस साल भी एक विवाद के साथ हुआ है। फिल्मकार करन जौहर ने अपने बेबाक बयानों से असहिष्णुता पर छिड़ी बहस को गरमा दिया है।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र की आत्महत्या के विरोध में जाने-माने लेखक अशोक वाजपेयी ने विश्वविद्यालय से उन्हें प्रदान की गई डी. लिट की उपाधी लौटाने का एलान किया है। वाजपेयी ने यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन के दलित विरोधी रवैये के विरोध में लिया है जिसकी वजह से रविवार की रात रोहित वेमुला नाम के एक दलित छात्र को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा।
गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
कायदे से दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना की असल परीक्षा तो आज है। रविवार को छोड़ दिया जाए तो आज इस मुहिम का तीसरा दिन है। नए साल के पहले वर्किंग डे में सड़कों पर मुहिम सफल दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी के नेता तो कार पुलिंग, साइकिल और बाइक के जरिये ऑफिस आए ही लेकिन मुहिम को न्यायधीशों का भी भरपूर समर्थन मिला।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीते दौर की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख के बारे में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया कि पद्म भूषण मांगने आशा पारेख 12 मंजिल चढ़कर उनके घर आई थीं।
सदा मानव सेवा के लिए समर्पित रहीं मदर टेरेसा को राेमन कैथोलिक चर्च का संत घोषित किया जाएगा। ईसाई धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने उनके दूसरे चमत्कार को मान्यता दे दी है जो संत घोषित करने की दिशा में एक कदम है। मिशनरीज आॅफ चैरिटी की प्रवक्ता सुनीता कुमार ने बताया कि मदर टेरेसा को संत घोषित किया जाएगा।
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। फिलहाल यह रोक अगले साल 31 मार्च तक के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पीठ ने एक और अहम निर्देश देते हुए 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने कार डीलरों की याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से डीजल कारों की सीमित और सड़क से हटाने तथा निजी कार का इस्तेमाल न करने वालों को प्रोत्साहन देने की घोषणा के संबंध में बुधवार तक अपना रख साफ करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि कार डीलरों ने एनजीटी के सख्त आदेश में संशोधन की मांग की है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने आज संकेत दिया है कि वह अगले तीन चार महीने के लिए 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाले इंजनों की डीजल एसयूवी कारों और वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा सकता है। साथ ही न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि इसके अलावा राजधानी में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर लगने वाला हरित शुल्क दोगुना किया जा सकता है।