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Search Result : "सिन्हलीज स्पोर्ट्स क्लब"

करोड़ी क्लब का भरोसा नहीं अजय को

करोड़ी क्लब का भरोसा नहीं अजय को

अपने काम पर विश्वास रखना अच्छा है और उससे ज्यादा अच्छा है, अपने काम पर अतिविश्वास न करना। अजय देवगन इसे बहुत अच्छी तरह समझते हैं।
सोशल मीडिया पर राहुल को दिग्विजय का ज्ञान

सोशल मीडिया पर राहुल को दिग्विजय का ज्ञान

लम्बी छुट्टी से लौटकर सियासी सक्रियता दिखा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को सलाह दी कि वह सोशल मीडिया पर आकर इस लोकप्रिय माध्यम का फायदा उठाए और अपने बारे में भाजपा के कथित दुष्प्रचार का जवाब दें।
क्रिकेटः मैदान पर साथी खिलाड़ी से टकराने पर मौत

क्रिकेटः मैदान पर साथी खिलाड़ी से टकराने पर मौत

क्रिकेट के मैदान पर एक होनहार क्रिकेटर खिलाड़ी की मौत हो गई है। इस दफा हादसे के शिकार कोलकाता के ईस्ट बंगाल क्लब के क्रिकेटर अंकित केसरी हुए। तीन दिन पहले अंकित को सीएबी सीनियर नॉकआउट टूर्नामेंट में भवानीपुर क्लब के खिलाफ मैच के दौरान चोट लगी थी। ऊंचा कैच लेने के लिए वह और उनका साथी आपस में टकरा गए। वह पिछले तीन दिन से अस्पताल में थे। कल उन्होंने रिकवरी के संकेत दिए लेकिन आज तड़के दिल का दौरा पड़ने से उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा और बाद में मृत घोषित कर दिया गया।
कुंवारों का क्लब है संघ-ओवैसी

कुंवारों का क्लब है संघ-ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआइएम) नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को कुंआरों का क्लब करार दिया है। उन्होंने कहा है कि दूसरों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात कहने वाले लोगों को ऐसा करने का कोई हक नहीं है क्योंकि वे खुद शादीशुदा नहीं होते।
क्रिकेट का शकुनि

क्रिकेट का शकुनि

वह आज तक न समझ पाया था कि उसके माता-पिता ने उसका नाम शकुनि क्यों रखा था। माता-पिता का तो वह हमेशा लाड़ला रहा था। बचपन से पांसे फेंक कर जीतने का वह शौकीन था। पर केवल इसी कारण तो उसका नाम शकुनि नहीं रखा गया होगा। चलो, मैं क्यों फिक्र करूं, वह मन ही मन बुदबुदाया। वैसे भी नाम में क्या रखा है? फिर पांसे फेंकर कर जीतना भी कला है। इस में एकाग्रता, कल्पना शक्ति, आत्मविश्वास और अपनी काबिलियत में भरोसे की भी अत्यंत आवश्यकता होती है, तभी तो आप जीत सकते हैं।
बहल का ड्रामा या सरकारी दबाव?

बहल का ड्रामा या सरकारी दबाव?

समय 11.45, स्थान प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से भरा सम्मेलन कक्ष। सबकी निगाहें कक्ष में लगे स्क्रीन पर टिकी हुई थी। चैनलों के ओबी वैनकर्मी फुटेज के लिए केबल को इधर से उधर करने में लगे हुए।
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